इससे पूर्व, केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ0 हर्ष वर्धन ने कहा कि ‘इण्डिया इण्टरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2018’ का शुभारम्भ राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द द्वारा किया जाएगा तथा समापन कार्यक्रम में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी प्रतिभाग करेंगे। साइंस फेस्टिवल के इस संस्करण की थीम ‘साइंस फॉर ट्रांसफॉर्मेशन’ है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को विज्ञान से जोड़ने के लिए जनान्दोलन की आवश्यकता है। इस तरह के आयोजन इसमें महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं। इससे पूर्व, तीन साइंस फेस्टिवल्स का आयोजन किया जा चुका है। पहले साइंस फेस्टिवल का आयोजन दिल्ली में किया गया था। तीन में से दो विज्ञान महोत्सवों में विद्यार्थियों द्वारा किये गये प्रयोगों को ‘गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस विज्ञान महोत्सव में भी कम से कम दो रिकॉर्ड स्थापित करने का प्रयास रहेगा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार प्रत्येक व्यक्ति को उसके आइडिया को विकसित करने का अवसर उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। प्रधानमंत्री द्वारा प्रारम्भ किये गये स्टार्टअप और स्टैण्डअप कार्यक्रम लोगों को अपने आइडिया और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। साइंस फेस्टिवल में अनेक सफल नवाचारों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित हों और अपने विचार को उद्यम के रूप में विकसित कर सकें। उन्होंने बताया कि विज्ञान महोत्सव के दौरान 23 तरह की ऐक्टिविटी का आयोजन किया जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ‘इण्डिया इण्टरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2018’ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति को समर्पित है। वाजपेयी जी विज्ञान को सेण्टर स्टेज पर ले आये। उन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ के साथ ‘जय विज्ञान’ को भी जोड़ा। 11 मई, 1998 नाभिकीय परीक्षण के माध्यम से अटल जी ने देश को एक नाभिकीय शक्ति के रूप प्रतिष्ठित किया। इसके कारण आज भी 11 मई को टेक्नोलॉजी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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Thursday, 4 October 2018
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छात्र-छात्राओं को विज्ञान से जोड़ने के लिए जनान्दोलन की है आवश्यकता : केन्द्रीय मंत्री
छात्र-छात्राओं को विज्ञान से जोड़ने के लिए जनान्दोलन की है आवश्यकता : केन्द्रीय मंत्री
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