बांदा। अगले वर्ष मार्च से बुंदेलखण्ड के सभी रेलवे स्टेशन इलेक्ट्रानिक पैनल इंटरलाॅकिंग सिस्टम लैस हो जाएगें। इससे ट्रेनों की लेटलतीफी में कमी आएगी। मुख्यालय बांदा से झांसी और कानपुर रूट के सभी स्टेशनों पर यह सिस्टम लागू हो जाएगा। मौजूदा मानव सिग्नल व्यवस्था है। अतर्रा, डिंगवाही, भरतकूप, मानिकपुर, खैराडा आदि स्टेशनों में यह काम पूरा हो चुका है। अब बांदा रेलवे स्टेशन में केबिल बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल में ब्रिटिश काल से मैन्युअल सिग्नल सिस्टम से ट्रेनों का संचालन हो रहा है। अक्सर लाइन क्लीयर न होने से ट्रेनों को सिग्नल पर घंटों खड़ा रहना पड़ता है।
वर्ष 2016में रेल मंत्रालय ने झांसी मंडल के सभी स्टेशनों को इलेक्ट्रानिक पैनल इंटरलाकिंग सिस्टम से लैस का निर्णय लिया था। मार्च 2017 में इस पर काम शुरु हो गया। अब तक खैरार, भरुआ सुमेरपुर, भीमसेन, अतर्रा, मानिकपुर, चित्रकूट, भरतकूप आदि स्टेशनों में यह काम पूरा हो चुका है। बांदा स्टेशन में भी यह तेजी से चल रहा है। पैनल बनाए जा चुके है। लोकेशन बाक्स व केबिल बिछाने का काम चल रहा है। रेलवे के वरिष्ठ खंड अभियंता पीके वर्मा का कहना है कि मार्च 2019 तक काम पूरा कर लिया जाएगा।
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