मुंबई। कांग्रेस नेता संजय निरूपम के उस बयान पर वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने अवनी बाघिन की हत्या के लिए मुनगंटीवार को जिम्मेदार ठहराते हुए अंतरराष्ट्रीय शिकारियों से मिले होने का आरोप लगाया है। मुनगंटीवार ने निरूपम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही है। इधर निरुपम ने मुनगंटीवार के फैसले का स्वागत किया है। रविवार को कांग्रेस वर्ली सीफेस से शिवाजी पार्क तक विशाल मोर्चा निकालेगी।
मुनगंटीवार के मुताबिक वे जल्द चंद्रपुर जिले में निरूपम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। मुनगंटीवार ने कहा कि निरूपम नीचले स्तर की राजनीति खेल रहे हैं। उनके द्वारा लगाए गए सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। इससे पहले शनिवार को कांग्रेस के मुंबई अध्यक्ष संजय निरूपम ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर आरोप लगाया कि अवनी बाघिन की हत्या प्लानिंग के साथ की गई है।उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने शीघ्र मुनगंटीवार को मंत्री पद से हटाने की मांग की। निरूपम ने बताया कि अवनी बाघिन को मारने के लिए योजना बनाई गई थी। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसकी सूचना उन्हें चार दिन पहले ही दी थी। अवनी को मारे जाने के सारे सबूत नष्ट कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार इस मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच करा के वन मंत्री मुनगंटीवार के विरूद्ध कार्रवाई करे।
निरूपम ने कहा कि मुनगंटीवार बाघों की हत्या के लिए कोचिंग माफिया का हिस्सा हैं। जब से वे वन मंत्री बने हैं, तब से बाघों की मृत्यों में वृद्धि हुई है। मुनगंटीवार के कार्यकाल में राज्य में बड़े पैमाने पर बाघों को विभिन्न तरीकों से मारा जा रहा है। निरूपम ने आरोप लगया कि मुनगंटीवार अंतरराष्ट्रीय शिकारी माफिया से मिलकर पैसे कमा रहे हैं। निरूपम ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद वर्ष 2015 में 14 बाघों की मौत हुई। वर्ष 2016 में 16 और वर्ष 2017 में 21 बाघों की मृत्यू हुई। इसमें कुछ बाघों की प्राकृतिक मृत्यू हो सकती है।
याद दिला दें कि वन विभाग टी-1 बाघिन को पकड़ने के लिए पिछले 47 दिनों से प्रयास कर रहा था। आखिरकार 2 नवंबर की रात को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने उसे मार गिराया। इस आदमखोर बाघिन ने 13 लोगों का शिकार किया था। शार्प शूटर असगर अली ने अवनी बाघिन को गोली मारी थी। अवनी बाघिन की हत्या को लेकर इससे पहले शिवसेना और मनसे भाजपा सरकार की आलोचना की थी। अब इस मामले में कांग्रेस भी कूद गई है।
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