लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार सुबह अचानक रिजर्व पुलिस लाइंस लखनऊ में औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। उनके पहुंचते ही पुलिस के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। जिस समय सीएम वहां पहुंचे उस समय नए रंगरूटों की ट्रेनिंग भी चल रही थी। सीएम के पहुंचते ही डीजीपी ओपी सिंह, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, एडीजी जोन राजीव कृष्णा, आईजी रेंज लखनऊ सुजीत पांडेय, एसएसपी कलानिधि नैथानी सहित तमाम पुलिस अधिकारी पुलिस लाइंस पहुंचे। मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों के आवास व अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया। बदहाली देख कर सीएम भी आश्चर्य चकित हो गए। उन्हें जल्द ही बदहाली दूर करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह 9:00 बजे अचानक रिजर्व पुलिस लाइन पहुंच गए। इससे पुलिस लाइन में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों के आवासों का निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने शातिर तरीके से मुख्यमंत्री को बने हुए आवासों का निरीक्षण कराया। लेकिन सीएम खुद ही खंडहर नुमा बने आवासों में पहुंच गए और वहां सवाल जवाब किए तो अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। सीएम गंदगी देख कर बिफर गए। उन्होंने सफाई कर्मचारी से पूछा यहां की साफ सफाई करते हो तो अधिकारी अवाक रह गए। डीजीपी भी सफाई कर्मी से पूछने लगे कि यहां साफ-सफाई होती है, जवाब दो।
यहां जल निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं है? – सीएम
हालांकि सीएम के अचानक निरीक्षण के दौरान पुलिस लाइन में गंदगी का अंबार लगा हुआ था। सही तरीके से साफ-सफाई भी नहीं थी। सीएम के जाने के बाद पुलिस के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। सीएम ने कहा सही से सफाई होती है? नियमित सफाई करते हो? सीएम ने कहा कि यहां पानी भर जाता है यहां पर जल निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं की? जल जमा होता है तो यहां पर जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। गर्मियों में भी ऐसे ही पुलिसकर्मी रहते हैं। इस दौरान पुलिसकर्मी अपनी समस्याएं बताने लगे। पुलिस कर्मियों ने कहा कि साहब गर्मी में कूलर भी नहीं है। पुलिस लाइन के आवास में 200 लोगों के रहने की व्यवस्था है।
बैरकों को मल्टी स्ट्रोरी बनाया जायेगा- डीजीपी
डीजीपी ने कहा कि हमारे बैरक बन रहे थे। इन चल रहा था। सीएम ने इन बैरक को बनाने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने कहा कि लखनऊ पुलिस की सबसे बड़ी समस्या ये है कि ये यूपी की राजधानी है। यहां अक्सर वीआईपी मूवमेंट के कारण बाहर से आने वाले फोर्स को ठहराने की व्यवस्था नहीं है। अब ये नए बैरक बन रहे हैं। इन में 200 जवानों को ठहराने की व्यवस्था हो जाएगी। डीजीपी ने कहा कि आने वाले समय में हमारी ये कोशिश है कि आवासों को मल्टी स्ट्रोरी बनाया जाये। इस पर सीएम ने भी हाँ कर दी है। डीजीपी ने कहा कि नए बैरक बनने से राहत मिलेगी।
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