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Saturday 10 November 2018

गानों की ध्वनि में रहने को मजबूर हुए मरीज

सुल्तानपुर—- सरकारी अस्पतालों में जहाँ मरीजो को शोर गुल से दूर रक्खा जाता है वही जनपद के एक प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र में मरीजो को रात शोर गुल में बिताना पड़ा डी जे की ध्वनि , फ़िल्मी गानों के स्वरों में जहाँ लोग नाच कूद कर मनोरंजन का लुफ्त उठा रहे थे वही अस्पताल में भर्ती मरीजो की नींद बेचैनी से भरी हुई थी ।
क्या था मामला—-
जनपद के कादीपुर में प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र है जहाँ पर अस्पताल कंपाउंड के अंदर कर्मचारियो व् अधिकारियो का रहने का आवास है बताया जाता है कि अस्पताल के किसी कर्मचारी के घर कार्यक्रम था उसी अस्पताल में कार्यक्रम का सारा प्रबन्ध रक्खा गया था खाने से लेकर नाच गाने के लिये बड़े बड़े साउंड लगाये गये थे जिसकी आवाजे कैम्पस के हर कोने में गूंज ही रही थी वही अस्पताल कैम्पस के बाहर भी स्पीकर के गानों के आगे सबकी आवाजे अनसुनी थी यहाँ तक की इस शादी समारोह में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर से लेकर जिम्मेदार अधिकारी भी मौजूद थे लेकिन फ़िल्मी गानों व् डी जे की धुन ने सबको इतना मुग्ध कर दिया था कि किसी को भी यह चिंता नही थी की इस परिसर में अस्पताल भी है ।
महिला मरीजो का हुआ बुरा हाल—
इस अस्पताल में महिला व् पुरुषों को भर्ती करने की सुविधा है क्षेत्र की अधिकांश महिलाओं का प्रसव इसी अस्पताल में होता है मरीज महिलाओं के साथ महिला तीमारदार भी रहती है जिनकी सुरक्षा को देखते हुए कोई व्यवस्था नही की गई थी यही नही इस प्रोग्राम के लिये न तो अस्पताल प्रशासन से कोई परमिशन लिया गया था न तो उच्चाधिकार्यो से राय

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