आगरा। एक बार फिर बंदरों के आतंक ने एक महिला की जान ले ली। इस घटना के एक दिन पहले ही बंदर ने मां की गोद से 12 दिन की नवजात को छीनकर मार डाला था। ताजा घटना आगरा के कागारौल इलाके की है। यहां की 59 साल की भूरन देवी रात करीब 11.30 बजे शौच के लिए घर से निकली थीं। इसी दौरान बंदरों ने उन पर हमला कर दिया।
बताया जाता है कि भूरन देवी को बंदरों ने कई जगह काटकर जख्मी कर दिया था। बंदरों के हमले में वह बेहोश हो गईं। उनके शरीर में कोई हरकत न होने पर बंदर उन्हें छोड़कर भाग गए। भूरन देवी को पास के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। भूरन देवी के शरीर में बंदरों के काटने के कई जख्म मिले हैं। घावों से लगातार खून बह रहा था। भूरन देवी की आवाज सुनकर लोग खेतों की तरफ दौड़े लेकिन तब तक बंदर उनके शरीर में दांतों से काटकर कई घाव कर चुके थे। वह जमीन पर बेसुध पड़ी थीं।
भारत में बंदर को वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत संरक्षण प्राप्त है। इसलिए उन्हें न तो अपने रिहाइश से हटाया जा सकता है, न मारा जा सकता है और न ही उन्हें स्टरलाइज किया जा सकता है। हालांकि एक्टिवस्टि बंदरों को किसी संरक्षित स्थान पर छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही वह बंदरों के लिए स्टरलाइजेशन प्रोग्राम चलाने की और पीडि़तों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।
मथुरा में बंदरो के मामले पर योगी आदित्य नाथ ने हनुमान चालिसा पढ़ कर बंदरों को मनाने की सलाह दी थी।
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