गाजियाबाद। बिजली के तेज झटके कारण मौत के काफी करीब पहुंच चुके एक ऐसे व्यक्ति को मैक्स हॉस्पिटल गाजियाबाद में जीवनदान मिला जिसे सभी लोगों ने मृत मान लिया था। एक बयान में बताया गया है कि वैशाली सेक्टर 1 स्थित झुग्गी 132 के निवासी सुनील वैशाली के ही सेक्टर -1 स्थित एक घर में काम कर रहे थे। काम के दौरान ही उन्हें बिजली का झटका लगा और वह बेहोश हो गए।
जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तो वह सांस नहीं ले रहे थे और उनके दिल की धड़कन भी बंद हो गई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जो लोग मरीज को लेकर आए थे, वे कोई औपचारिकता पूरा किए बगैर ही वहां से गायब हो गए और रोगी को उन संबंधियों के साथ छोड़ दिया जो अशिक्षित थे और आर्थिक रूप से गरीबी रेखा से नीचे थे।
बयान के मुताबिक, मैक्स हॉस्पिटल में आपातकालीन टीम ने तुरंत रोगी की देखभाल शुरू की और उन पर कार्डियो पल्मोनरी रिसस्सिटेशन शुरू किया।
मैक्स हॉस्पिटल के आपातकालीन विभाग के प्रभारी डॉ. धीरज नायर ने कहा, “चूंकि रोगी आर्थिक रूप से गरीब था, इसलिए कर्मचारी मरीज को अस्पताल से ले जाना चाहते थे, लेकिन रोगी को पुनर्जीवित करने के लिए पूरी टीम के प्रयासों और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हमने रोगी का इलाज जारी रखने का फैसला किया।“
चूंकि रोगी के संबंधियों के पास खर्च वहन करने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए डॉक्टरों, पैरामेडिक्स, सेक्योरिटी, एचआर और चिकिसा प्रबंधन टीम समेत मैक्स हॉस्पिटल वैशाली की पूरी टीम ने उसके इलाज के खर्च के लिए अपनी तरफ से योगदान करने का फैसला किया।
मैक्स हॉस्पिटल के उपाध्यक्ष डॉ. गौरव अग्रवाल ने इस निर्णय का समर्थन किया और फिर रोगी को आईसीयू में भर्ती कराया गया। उनके मस्तिष्क की एमआरआई की गई जिसमें पता चला कि चोट एवं झटके के कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी।
उसके बाद सुनील को अगले 2 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन अब वह वेंटिलेटर से बाहर आ चुके हैं और खुद सांस ले रहे हैं।
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Monday 12 November 2018
मर चुका बिजली मिस्त्री फिर से हुआ जीवित
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