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Tuesday 25 December 2018

निगरानी के निशाने पर रहें बड़े मछलियां , 53 मामले में रिश्वत के 78 लाख ज़ब्त

वर्ष में सबसे अधिक रिश्वत की बोली लगाने वाले रहें एडीएम ओम प्रकाश प्रसाद ,6 लाख रूपये लेते हुये गिरफ्तार

>> बीते वर्ष में भ्रष्टाचारियों के पास से ट्रैप के 18 लाख 32 हजार और अतिरिक्त 1 लाख 92 हजार हुये जब्त

रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार जैसे बीमारी से लोग पीडि़त हैं ।अत्याधुनिक युग में इसका संक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा हैं । आम-आवाम की मांग रहती हैं की भ्रष्टाचार से मुक्ति मिले । सरकार के एजेंडे में अक्सर भ्रष्टाचार मिटाने की बात होती है लेकिन यह महज किताबों की कहावत बन कर रह जाती हैं और बार भ्रष्टाचार के बड़े -बड़े मामले उजागर होते हैं । बिहार भी इससे अछुता नहीं हैं ।
   मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधिन निगरानी विभाग हैं इसलिए इसके कार्रवाई भी निष्पक्ष होती रहीं हैं । छोटे -छोटे सरकारी बाबू  जब रिश्वत लेते गिरफ्तार होते थे तो यह चर्चा होती थी की बड़े -बड़े साहब पर निगरानी हाथ नहीं डालती ,जबकि भ्रष्टाचार की मोटी रकम तो बड़े साहब डकार जाते हैं । वर्तमान वर्ष 2018 के निगरानी टीम के ट्रैप मामले पर गौर करें तो यह पाएंगे की आजादी के बाद बिहार में पहली बार भ्रष्टाचार के बड़े मछलियों को पकड़ा गया हैं । या कहें तो अपर पुलिस महानिदेशक (निगरानी ) एस के झा के निशाने पर शुरू से ही बड़े मछलियां थीं । ट्रैप के 53 मामले में निगरानी टीम नें 40 लाख 500 सौ रूपये लेते रंगे हाथ भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार किया । वहीं जब इनके ठिकाने पर छापेमारी की गयी तो करीब 38 लाख रूपये मिले । सबसे अधिक रकम दानापुर, नगर परिषद कार्यालय में रखें 22 लाख 90 हजार रूपये जब्त किया गया । वर्ष 2018 में रिश्वतखोरी की सबसे बड़ी रकम, 6 लाख रूपये लेते बेगुसराय के एडीएम ओम प्रकाश प्रसाद गिरफ्तार किये गये ।बीते वर्ष 2017 में निगरानी ने ट्रैप के मामले में 18 लाख 31 हजार 904 रूपये जब्त किया था जबकि अतिरिक्त राशि के तौर पर  1 लाख 92 हजार जब्त किया था। इस तरह निगरानी टीम ने बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष में चार गुणा ज्यादा राशि जब्त किया हैं ,जो आजादी के बाद का यह पहला रिकॉर्ड हैं ।

वर्ष 2018 के टॉप टेन रिश्वतखोर

1. एडीएम, बेगुसराय- ओम प्रकाश प्रसाद ( 6 लाख रूपये लेते हुये गिरफ्तार )

2 . उजरत अमीन ,राजगीर-राजाराम सिंह ( 5 लाख रूपये लेते हुये गिरफ्तार )

3.कार्यपालक अभियंता ,बांका-मनोज कुमार चौधरी (4 लाख रूपये लेते हुये गिरफ्तार )

4. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ,सहरसा-राजीव रंजन( 2 लाख 57 हजार रूपये लेते हुये गिरफ्तार )

5. अंचलाधिकारी, दाउदनगर-विनोद सिंह ( दो लाख रूपये लेते हुये गिरफ्तार )

6. प्रमुख सलाहकार ,दानापुर नगर परिषद -उमा शंकर प्रसाद ( 1 लाख 67 हजार लेते हुये गिरफ्तार )

7. जिला सहकारीता पदाधिकारी ,विरेन्द्र कुमार ( 1 लाख 50 हजार रूपये लेते हुये गिरफ्तार )

8. मुखिया ,घेलार, मधेपुरा-अनंत कुमार मंडल (1 लाख 20 हजार रूपये लेते हुये गिरफ्तार )

9. बीडिओ, रामपुर, कैमुर-वर्षा तर्वे ( 1 लाख 15 हजार रूपये लेते हुई गिरफ्तार )

10. बीडिओ, घोसवरी-जय वर्धन गुप्ता ( 1 लाख रूपये लेते हुये गिरफ्तार ) ।

नोट- वर्ष 2018 का शेष 6 दिन बच रहे है, अगर मामला बड़ी हुई तो उसे सूची में शामिल कर प्रकाशित किया जाएगा ।

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