उन्नाव। मिलावटी दूध के खेल में पारदर्शिता लाने के लिए फूड विभाग ने दूध बेचने वालों का पहचान पत्र निर्गत कराने का फैसला लिया है। विभाग ने ऐसे सभी दूधियों जो शहर से गांव तक घरों, होटल व मंडियों में दूध बेचते हैं उनकी मजबूत पहचान के लिए यह नियम बनाने को सहमति जताई है।
सोमवार को फूड विभाग के अभिहित अधिकारी सुधीर सिंह ने मुख्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल को दिशा-निर्देश देकर जल्द से जल्द इसे पूरा कराने पर जोर दिया है। क्षेत्रीय निरीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र के ऐसे सभी दूध वालों की पहचान करके उनकी सूची तैयार कर मांगी गई है। इसके बाद विभाग स्तर से इसके आगे बढ़ाते हुए संबधित दूध वालों को दूध बिक्री के व्यवसाय में नाम दर्ज कर पहचान पत्र मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए विभाग ने तेजी से काम शुरू भी कर दिया है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि इन नियम-कायदे लागू करने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मिलावटी खोरी पर लगाम लगाना है। जो इनकी पहचान न होने से असंभव साबित हो रहा है। इससे जिले के साथ गैर जनपद से भी अवैध तरीके से कारोबार किया जाता है। कानपुर जैसे शहरों से मिलावटी खोवा लाकर यहां बेचा जा रहा है। शहर के होटल और मंडी में कौन और कहां का दूध पहुंचा रहा है। इसका भी खुद अता पता नहीं रहता है। यह सब बातें इस सोच से नियंत्रित होना संभव दिख रहा है।होटल और मंडी में रखनी होगी जानकारी
शहर का होटल व मंडी विक्रता ग्राहकों को दूध बेचने के लिए इसकी बिक्री किससे कर रहा है। इसकी पूरी जानकारी रजिस्टर में चढ़ानी होगी ताकि जांच के दौरान कोई गड़बड़ी मिलने पर उसके साथ उस दूध वाले पर भी कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही घर-घर में पहुंचने वाले तमाम दूधियों में उनसे ही दूध लेने की नसीहत दी जाएगी जिनके पास संबधित विभाग का परिचय पत्र हो।
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Monday 24 December 2018
अब दूध बेचने वालों के लिये जारी होगा परिचय पत्र
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