नई दिल्ली। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन आर माधवन ने शुक्रवार को कहा कि एचएएल राफेल विमान बनाने में सक्षम थी। हालांकि उन्होंने कहा कि 36 विमान के मौजूदा ऑर्डर में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का सवाल ही नहीं था।
माधवन ने कहा कि जब इस सौदे पर शुरुआती बातचीत चल रही थी, तब एचएएल इसे बनाने में सक्षम थी। हालांकि उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अलग से 36 विमान खरीदने का निर्णय लिया, क्योंकि इन्हें जल्द खरीदने की जरूरत थी।
उन 36 विमानों के यहां उत्पादन का सवाल ही नहीं है। यदि 126 विमानों को खरीदा जाता, तो उनमें कुछ को देश में भी बनाया जा सकता था। इससे पहले बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा था कि इस सौदे पर वायुसेना अध्यक्ष झूठ बोल रहे हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार फ्रांस की दसॉल्ट कंपनी से यह सैन्य विमान ऊंची कीमतों पर खरीद रही है। जबकि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने 126 विमानों की खरीद पर बातचीत की थी।
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