मुक्त बाजार व्यवस्था में बाजार के अवसरों को ध्यान में रखते हुए वस्त्र मंत्रालय भारतीय रेशम कीट पालन उद्योग और रेशम उद्योग के सम्पूर्ण विकास के लिए सिर्फ उत्पादन बढ़ाने पर ही गौर नहीं कर रहा है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण उत्पाद विविधता और उत्पादकता सुधारों के जरिए किफायती मूल्यों पर भी ध्यान दे रहा है। केंद्रीय रेशम बोर्ड निरंतर आवश्यकता पर आधारित किफायती प्रौद्योगिकियां विकसित कर रहा है और आज उसी के प्रयासों की बदौलत, भारत ऊष्ण कटिबंधीय रेशम कीट पालन प्रौद्योगिकी का अगुवा बन गया है। इस प्रौद्योगिकी के साथ बोर्ड ने विशेषतौर पर मलबरी किस्मों का क्षेत्र विकसित किया है और अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता वाले रेशम के बिवोल्टाइन ककून के उत्पादन के लिए उपयुक्त रेशम कीटों की प्रजातियां विकसित की हैं तथा स्वतंत्र रेशम कीट पालन गृहों, आधुनिक कीट पालन और ककून उपकरणों, बूंद-बूंद सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) किट्स, निजी भंडारणकर्ताओं को ढांचागत सहायता तथा वन्य सिल्क के पोषक पौधों के संवद्र्धन जैसी जरूरी अवसंरचना को उन्नत बनाने के लिए उत्प्रेरक विकास कार्यक्रमों का कार्यान्वयन किया है।
बुनकर प्रौद्योगिकी
साथ ही इन ककूनों की कताई के लिए केंद्रीय रेशम बोर्ड आधुनिक प्रौद्योगिकी पैकेज की ओर से विविध कार्यों में सक्षम कताई मशीनों से बेहतर कताई पद्धतियों को बढ़ावा दे रहा है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे परम्परागत रूप से रेशम का उत्पादन करने वाले राज्यों में लगाने के लिए चीन से ऑटोमैटिक सिल्क रीलिंग मशीनें आयात की गई हैं, जिनसे बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी की गुणवत्ता वाले आयात स्थानापन्न रेशम का उत्पादन होगा। गुणवत्ता के अनुरूप मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता वाले बिवोल्टाइन ककून की उपलब्धता बढऩे से नए उद्यमियों के अलावा परम्परागत बुनकर भी अपनी परम्परागत मशीनों का उन्नयन करने में कारोबार की बेहतर सम्भावनाएं देख रहे हैं और बेहतर श्रेणी के उत्कृष्ट मलबरी रेशम का उत्पादन करने में सक्षम हो सके हैं।
वन्य सिल्क का विकास
वन्य सिल्क का विकास एक अन्य ऐसा क्षेत्र है, जिस पर बोर्ड ध्यान दे रहा है। नए मशीनीकृत टसर और मुगा कताई और ट्विस्टिंग मशीनें तथा एरि के लिए चरखा (स्पिनिंग व्हील) बनाने में शोध संस्थानों को मिली कामयाबी ने हाथ से काम की मेहनत कम करने के साथ ही गैर-मलबरी कपड़े की गुणवत्ता में बेहद सुधार किया है। उच्च श्रेणी का स्पन सिल्क बनाने के लिए एरि स्पन सिल्क मिल्स लगाई गई हैं। इससे वन्य सिल्क क्षेत्र में उत्पाद विविधता में सहयोग मिला है, जो देश में विशेषकर जनजातीय इलाकों में उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। पहले से विकसित हो चुकी प्रौद्योगिकीय क्षमताओं के मद्देनजर बहुत से गैर-परम्परागत राज्य गुणवत्तापूर्ण रेशम ककून और धागे के उत्पादन में सहयोग के लिए आगे आए हैं। केंद्रीय रेशम बोर्ड ने प्राकृतिक रेस खेती पर लारिया टसर प्रजाति के रेशम कीट पालन का व्यवहारिक परीक्षण किया है और इसके नतीजे काफी उत्साहजनक रहे हैं। यह परीक्षण 2012 में समाप्त होने वाली 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान होने वाले 3,987 टन टसर सिल्क उत्पादन को मार्च 2017 में समाप्त होने वाली 12वीं पंचवर्षीय योजना में बढ़ाकर 8000 टन तक ले जाने की व्यापक सम्भावना दर्शाता है।
नीतिगत हस्तक्षेप
नीतिगत हस्तक्षेप की दिशा में उठाए गए कुछ कदमों से केंद्रीय रेशम बोर्ड अधिनियम में संशोधन हुआ है। अन्य चीजों के अलावा ये सुधार रेशमकीट के लार्वा के लिए गुणवत्तापूर्ण मानक, रेशम कीट लार्वा का प्रमाणीकरण, इनके आयात और निर्यात के लिए गुणवत्ता मानक मुहैया कराता है। केंद्रीय रेशम कीट लार्वा विनियम हाल ही इस उद्देश्य के लिए अधिसूचित किए गए हैं, चीन से आयातित रेशमी वस्त्र और धागे पर डम्पिंग रोधी शुल्क लगाया गया है, जिससे घरेलू रेशम उद्योग में रेशमी धागे और कपड़े के दामों में स्थिरता लाने में मदद मिली है। राष्ट्रीय तंतु नीति तैयार की गई है, जिसमें गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार लाने के लिए शोध एवं विकास सशक्त बनाने पर जोर दिया गया है, रेशमकीट उद्योग हाल ही में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में शामिल किया गया है, ताकि अब तक खेती-बाड़ी करने वाले किसान लाभान्वित कर रही योजना के लाभ रेशम कीट उद्योग से जुड़े किसानों तक भी पहुंचाये जाएं। छोटे बुनकरों की मदद के लिए उच्च श्रेणी का 2500 टन रेशम राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम के माध्यम से चीन से आयात किया जा रहा है और उसे किफायती दामों पर वितरित किया जाएगा। आज, भारतीय रेशम गुणवत्ता और उत्पादकता के क्षेत्र में लम्बी छलांग भरने और अल्पावधि में ही राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय रेशम उपभोक्ताओं की विविध प्रकार की जरूरतें पूरी करने के लिए तैयार है। इससे जेनरिक प्रोत्साहन प्रयासों की बदौलत ”इंडिया सिल्कÓÓ का ब्रांड तैयार करने में मदद मिलेगी।
Post Top Ad
Friday, 25 January 2019
कुटीर उद्योग के रूप में स्थापित हो रहा रेशम कीट पालन
Subscribe to:
Post Comments (Atom)

No comments:
Post a Comment