एक आंकड़े के मुताबिक 40 की उम्र के बाद ज्यादातर पुरुष प्रोस्टेट की समस्या से परेशान होते हैं। प्रोस्टेट ग्लैंड को पुरुषों का दूसरा दिल भी माना जाता है। पौरूष ग्रंथि शरीर में कुछ बेहद ही जरूरी क्रिया करती है। जैसे यूरीन के बहाव को कंट्रोल करना और प्रजनन के लिए सीमेन बनाना। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह ग्रंथि बढ़ने लगती है। इस ग्रंथि का अपने आप में बढ़ना ही हानिकारक होता है और इसे बीपीएच (बीनीग्न प्रोस्टेट हाइपरप्लेसिया) कहते हैं।
इन 5 रोगों में आती है बार बार पेशाब
ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने की स्थिति को ही डायबिटीज कहते हैं। टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह की डायबिटीज में शरीर जरूरत के अतिरिक्त ग्लूकोज को मूत्र मार्ग से बाहर निकालने लगता है। इसी वजह से डायबिटीज के मरीजों को बार-बार पेशाब होता रहता है।
प्रेगनेंसी के दौरान यूरेटस बड़ा होने लगता है जिसकी वजह से ब्लैडर पर दबाव बढ़ने लगता है। इसलिए इस दौरान महिला को बार-बार पेशाब आना शुरु हो जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर के दौरान जो दवाएं दी जाती हैं, वो किडनी पर अतिरिक्त लिक्विड को बाहर निकालने का दबाव बनाती हैं। इसी वजह से इस तरह की दवाओं के इस्तेमाल से भी व्यक्ति को बार-बार पेशाब होने लगता है।
ज्यादा पानी पीने से ज्यादा मात्रा में मूत्र निर्माण होता है इसलिए इस वजह से भी बार-बार पेशाब आना स्वाभाविक है।
कई बार कुछ लोगों का मूत्राशय अधिक सक्रिय होता है जिसकी वजह से व्यक्ति को जल्दी-जल्दी पेशाब आने लगता है।
ये है इससे बचने का उपाय
कच्चे सीताफल के बीज में काफी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जैसे आयरन, फॉस्फोरस, टि्रप्टोफैन, कॉपर, मैग्नेशियम, मैग्नीज, विटामिन के, प्रोटीन, जरूरी फैटी एसिड और फाइटोस्टेरोल। ये बीज जिंक के बेहतरीन स्रोतों में से एक माने जाते हैं। हर दिन 60 मिलीग्राम जिंक का सेवन प्रोस्टेट से जूझ रहे मरीजों में बेहद फायदा पहुंचाता है और उनके स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। इन बीजों में बीटा-स्टिोसटेरोल भी होता है जो टेस्टोस्टेरोन को डिहाइड्रोटेस्टेरोन में बदलने नहीं देता। जिससे इस ग्रंथि के बढ़ने की संभावना न के बराबर हो जाती है।
सीताफल के बीज कच्चा या भून कर या फिर दूसरे बीजों के साथ मिलाकर खा सकते हैं। इसे अपने हर दिन के खाने में शामिल किया जा सकता है। इसे सलाद में मिलाकर भी खाया जा सकता है। पोहा में मिलाकर या सूप में डालकर भी खा सकते हैं। सीताफल के बीज नट्स के साथ एक बेहतरीन नाश्ता हो सकते हैं। दस ग्राम तक यह बीज हर दिन लेने से प्रोस्टेट को काबू किया जा सकता है।
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