
दांतों का इलाज अगर सही समय में किया जाए तो दांतों की उम्र लम्बी हो सकती
लखनऊ । किंग जाॅर्ज चिकित्साविश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आफ पीडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिवडेनटेस्ट्री, फैकेल्टी आफ डेंटल साइंसेज द्वारा गुरूवार कों नेक्रोसिस परमानेंट दांतों में गाइडिड एंडोडॉन्टिक मरम्मत के विषय पर एक आरेशन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य वक्ता अमेरिका की डाॅ प्रियांशी रितविक ने बताया कि बच्चों को खेल एवं अन्य गति विधियों के दौरान दांत में चोट लगने के उपरांत उनके उपचार पर जानकारी देते हुए। बताया कि खेलकूद एवं अन्य गतिविधियों के दौरान बच्चों को जबड़े में चोट लग जाती है, जिस वजह से दांतों को नुकसान पहुंचता है या वह टूटकर थोड़ा या ज्यादा बाहर आ जाते है, तो उनमें नेक्रोसिस हो जाती है।इसमें उनके दांतों का गुदा मर जाता है और दांत की उम्र कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर ऐसी घटना 6 से 14 वर्ष के बच्चों के साथ घटित होती है।
चोट लगने के 4 से 6 घंटे के अन्दर दांत को जोड़ा जा सकता
डाॅ प्रियांशी रितविक ने बताया कि ऐसे दांतों का इलाज अगर सही समय में कर दिया जाए तो दांतों की उम्र बढ़ जाती है।उन्होंने बताया कि चोट लगने के 4 से 6 घंटे के अन्दर अगर पीड़ित बच्चे के दांत को लेकर चिकित्सक के पास इलाज के लिए लेे जाया जाए तो दांत को पुनः जोड़ा जा सकता है।
इलाज में देरी की वजह से दांत को वापस जोड़ने में काफी मुश्किल
इस प्रक्रिया में दांत के अंदर के गुदे के इंफेक्शन का दूर कर इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि हालांकि इलाज में देरी की वजह से दांत को वापस जोड़ने में काफी मुश्किल आती है और कई मामलों में इलाज में देरी के चलते दांत दोबारा लगाना असंभव भी हो जाता है।

एमडीएस के स्टूडेंट्स को आरेशन के माध्यम से नई जानकारियां प्राप्त
डिपार्टमेंट आफ पीडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिवडेनटेस्ट्री, फैकेल्टी आफ डेंटल साइंसेज के विभागाध्यक्ष डाॅ राकेश कुमार चक ने बतायाकि एमडीएस के स्टूडेंट्स इस आरेशन के माध्यम से नई जानकारियां एवं ज्ञान प्राप्त कर इसका लाभ आमजन एवं मरीजों को दें सकें इसी उद्देश्य से इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
इमरजेंसी पीडियाट्रिक डेंटल ट्राॅमा यूनिट का संचालन
डाॅ राकेश कुमार चक ने बतायाकि उनके विभाग द्वारा नए वर्ष पर 1 जनवरी 2019 से 24 घंटे आनलाइन काॅल के आधार पर इमरजेंसी पीडियाट्रिक डेंटल ट्राॅमा यूनिट का संचालन किया जा रहा है।जिससे आमजन को जबड़े में चोट लगने या दुर्घटना में घायल मरीज को तत्काल चिकित्सा सुविधा एवं राहत प्रदान की जा सके। इस अवसर पर कई अन्य निजी मेडिकल काॅलेज के स्टूडेंट्स उपस्थित रहे। इसके साथ विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर डाॅ जेएन जायसवाल, डाॅ आरके सक्सेना, डाॅ फिरोजा समधी, डाॅ एसडी ग्रोवर आदि को विभागाध्यक्ष डाॅ राकेश कुमार चक द्वारा सम्मानित किया गया।

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