पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद दुनियाभर में पाकिस्तान की निंदा हो रही है। जिसके बाद से घाटी में तनाव का माहौल है। रविवार को अलगाववादी संगठनों ने बंद का ऐलान किया है।
दूसरी तरफ अनुच्छेद 35ए पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। जिसकी वजह से घाटी में तनाव का माहौल बना हुआ है। अलगाववादी नेता यासीन मलिक को देर रात गिरफ्तार किया गया। सरकार ने सुनवाई से पहले अलगाववादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। जिसके विरोध में बंद बुलाया गया है। जानकारी के अनुसार, कश्मीर में पुलिस और सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा केंद्र ने सुरक्षाबलों की 120 कंपनियां जम्मू-कश्मीर में भेजा है। बता दें कि एक कंपनी में 100 जवान होते हैं। वहीं अलगाववादी नेता यासीन मलिक को देर रात गिरफ्तार किया गया।
पूरे श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी गई है और कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। हालांकि, गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त बलों की तैनाती को चुनाव पूर्व तैयारी से संबद्ध एक नियमित अभ्यास बताया है। 35-ए के तहत जम्मू कश्मीर के निवासियों को विशेष अधिकार मिले हुए हैं और अलगाववादी नेता नहीं चाहते कि यह धारा हटाई जाए। यही कारण है कि उन्होंने रविवार को घाटी में बंद का आह्वान किया है।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। जिसके बाद केंद्र सरकार ने श्रीनगर में 14 साल बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को तैनात किया है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा तैनात की गई अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों में 45 कंपनियां CRPF से है, जबकि BSF से 35 और SSB तथा ITBP से 10-10 कंपनियां हैं।
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