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Sunday, 3 February 2019

जेई ने हरिजन के हरेभरे खेत से खींच दी लाईन, मानक के विपरीत 70 मीटर की दूरी पर पोल

लखनऊ। एक तरफ योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी और उन्हें बेहतर सुविधा मुहैया दिलाने का वायदा कर रही है दूसरी तरफ बिजली विभाग का एक जेई अनुसूचित जाति के एक किसान के खेत से उसके विरोध के बावजूद एचटी लाईन से मानक के विपरीत दूसरे किसानों को बिजली देने के लिए बिजली उपलब्ध करा रहा है। उक्त पीड़ित किसान का आरोप है कि इस मामले में स्थानीय थाने में षिकायत के बाद एसओ द्वारा पीड़ित की बिना अनुमति के खम्बे उसके खेत में न खड़े होने की हिदायत दी जा चुकी है लेकिन दबंगई और बिजली विभाग के जेई के सहयोग से हरेभरे खेत के बीचों बीच से लाईन खीच दी गई। पीड़ित ने इस मामले मेे प्रबंध निदेषक पावर कारपोरेषन और जिलाधिकारी लखनऊ को षिकायत दर्ज कराई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नही हुई। पीड़ित किसान इस मामले की षिकायत लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में ष्षामिल होने की तैयारी कर रहा है।
इस सम्बंध में पीड़ित किसान रामदुलारे का कहना है कि उसके पास बहुत कम खेती है। पड़ोसी किसान द्वारा जानबूझकर नियम विरूद्व अपने खेत बचा कर उसके खेत से विद्युत कनेक्षन लिया जा रहा है। बिजली विभाग के जेई के सहयोग से पड़ोंसी किसान रामषंकर पुत्र स्व. जगरूप द्वारा एलटी लाईन 30 मीटर की दूरी के विपरीत 70 मीटर की दूरी पर खम्बा लगाया गया। यही नही आदेष पर 310 मीटर लाइन पास है लेकिन मौके पर यह दूरी महज 250 मीटर है। यही नही इस कनेक्षन के लिए दस खम्बे पास होने पर प्रयोग सिर्फ आठ खम्बों का किया गया है। पीड़ित ने बताया कि जब उक्त किसान द्वारा उसके खेत पर जबरन खम्बे लगाए जा रहे थे उसे 100 नम्बर पर सूचना दी और पुलिस ने आकर उक्त खम्बो को हटा दिया था। पीडित किसान का आरोप है कि सरोसा भरोसा पावर हाउस के जेई के सहयोग से पुनः उक्त खम्बे लगा दिये गए जब विरोध किया गया तो उक्त जेई द्वारा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी गई। पीड़ित किसान का कहना है कि इस तरह अगर उसके खेत के बीच से लाइन डाली गई तो भविष्य में आग लगने का भय है। दूसरा जब जब चक रोड़ और बिजली कनेक्षन लेने वाले किसान के पास पोल लगाने की पर्याप्त जगह है तो जानबूझकर उसके खेत से पोल लगाना गुण्डागर्दी और मनमानी का प्रतीक है। पीड़ित परिवार की महिला श्रीमती राजरानी का यह भी कहना है कि जब एक बिजली का खम्बा सरकारी खारजा पर लगा है उक्त खराजा रामषंकर के खेत तक गया है तो उसी खारजा की मेड पर खम्बे क्यो नही लगाए जा रहे है। पीड़ितों का कहना है कि हम मुख्यमंत्री जनता दरबार में भी न्याय के लिए जाएगे।

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