शिफा अब्बास
पिहानी।हरदोई-लोकतंत्र में सरकारी तंत्र की मूलभूत सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण क्षेत्र ही उसके विकास की चाभी होती है।जैसे रोडवेज बस अड्डा,रेलवे स्टेशन,तहसील का संचालन तथा सरकारी व अर्द्धसरकारी अस्पताल,शिक्षा के स्तर से बेहतरीन कालेज,रोजगार स्तर के अच्छे अवसर पर बेहतरीन पाॅलिटेक्निक कालेज या कारखाने और क्राइम कंट्रोल पर पुलिस केन्द्र और उसकी पैनी नजर और मनोरंजन व योगाभ्यास व घूमने फिरने के लिए एक बेहतरीन पर्यटक या पार्क स्थल।ये सुविधाएं जहाँ-जहाँ जितनी अधिक विकसित हैं वे क्षेत्र या स्थान भी उतना ही प्रचलित और विकसित हैं।आज डिजिटल इण्डिया और सोशल मीडिया के दौर में कोई भी नागरिक आज दशकों साल पीछे की जिन्दगी में जीना ही नहीं चाहता है।मगर जनपद हरदोई का कस्बा पिहानी जिसका क्षेत्रफल तकरीबन 17 किमी है और ये नवाबी बस्ती का ऐतिहासिक कस्बा है।जो दिनों दिन विकास के नाम पर मीलों पीछे होता जा रहा है।आज डिजिटल इंडिया के इंकलाब ने हर व्यक्ति के रहन- सहन ,खान-पान और स्वभाव में इंकलाब पैदा कर दिया है ।कस्बा पिहानी नवाबी मिल्कियत की वो बस्ती है जो कि नगरीय निकाय के नजरिए से वर्षों पहले ही नगर पालिका परिषद तो बन गया।मगर विकास के नज़रिए से यहां मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मात्र एक कोतवाली व पुलिस चौकी,सरकारी अस्पताल,विकास खण्ड कार्यालय,कस्तूरबा विद्यालय के अलावा क्षेत्रीय विकास के कोई पुख्ता संसाधन मुहैया नहीं हैं।पिहानी से उत्तर दिशा मार्ग पर 17 किमी की दूरी पर जंग बहादुर गंज(सल्लिया) व जहानीखेड़ा नेशनल हाइवे-24 स्थित है जोकि मैगलगंज- औरंगाबाद से मितौली जनपद लखीमपुर की नेपाल सीमा से तथा नेशनल हाइवे-24 के चलते पसगंवा-मोहम्मदी-गोला से जनपदीय क्षेत्र लखीमपुर खीरी व शाहजहांपुर-बरेली से मिलाता है।दक्षिण दिशा मार्ग में 27 किमी की दूरी पर जनपद हरदोई स्थित है।पश्चिम दिशा मार्ग 27 किमी की दूरी पर नगरीय व तहसील क्षेत्र शाहाबाद स्थित है।पूरब दिशा मार्ग में 14 किमी गोपामऊ व अग्रिम दूरी तय करते हुए टड़ियावां व नैमिषरण्य धाम हैं तो उत्तर-पूरब दिशा मार्ग में मात्र 10 किमी की दूरी पर प्रसिद्ध धोबिया आश्रम शांतिपूर्ण पर्यटक स्थल व घूमने-टहलने के लिए बेहतरीन जगह तथा योगाभ्यास का शांतिपूर्ण वन स्थल है मगर ये भी विकासशील है।इसी मार्ग पर आगे जाते हुए महोली कस्बा,नेशनल हाइवे-24 से मिला है जोकि जनपद सीतापुर और लखनऊ मुख्य मार्ग से मिला देता है।हालांकि इन सब मुख्य स्थलों से मिलाने वाले मार्गों में पिहानी से शाहाबाद और पिहानी से जंग बहादुर गंज व जहानीखेड़ा मार्ग व पिहानी-सीतापुर वाया महोली मार्ग की रहगुजर बेहद जर्जर और खराब है।चुनावी चरणों में हमेशा बड़े-बड़े दिग्गज प्रत्याशी और नेतागण अपने बड़े-बड़े भाषण देकर रोडवेज बस अड्डा और तहसील बनाने के पक्के वादे और दावे कर देते हैं परन्तु आज तक पिहानी में तहसील निर्माण तो बहुत बड़ी बात है जनाब!एक रोडवेज का बस अड्डा स्थापित न हो सका तो क्षेत्र का विकास क्या खाक होगा ?जब कोई विकास के स्रोत ही नहीं होंगे।झूठे वादे और खोखले दावों की चादर ओढ़ कर है आज भी आजादी की लड़ाई के बाद से विकास की राह ताक रहा है कस्बा पिहानी।

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