श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में सेना के चार जवान शहीद हो गए हैं। इनमें सेना के एक मेजर भी शामिल हैं एनकाउंटर जिले के पिंगलिना इलाके में हो रही है। 2 से 3 आंतकी के घिरे होने की खबर है। सर्च ऑपरेशन जारी है।
जारी एनकाउंटर में मेजर सहित चार जवान शहीद हुए हैं। एक जवान के घायल होने की भी खबर है। सूत्रों की मानें तो पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमांइड गाजी राशिद भी इस इलाके में छिपा हो सकता है।
पूरी जानकारी मिलने के बाद ही सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन को शुरू किया। जो जवान इस एनकाउंटर में शहीद हुए हैं उनमें मेजर डीएस डोंडियाल, हेड कॉन्स्टेबल सेवा राम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरी सिंह शामिल हैं। एक जवान घायल है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
खबर है कि 2 से 3 आतंकियों को सेना ने घेर रखा है। इलाके में इंटरनेट सेवाएं रद्द कर दी गई है. यह मुठभेड़ आज तड़के एक बजे शुरू हुई। इस ज्वाइंट ऑपरेशन में 55आरआर, सीआरपीएफ और एसओजी पुलवामा शामिल हैं। इलाके को चारों तरफ से घेर लिया गया है।
इस एनकाउंटर की पूरी जानकारी मिलनी बाकी है। आपको बता दें कि पुलवामा में ही गुरुवार को सीआरपीएफ के एक काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस आतंकी हमले में अर्धसैनिक बल के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे।
गृह मंत्रालय का बयान
बता दें कि गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में साजो सामान पहुंचाने तथा अभ्यासगत कारणों से अर्धसैनिक बलों के काफिलों का सड़क मार्ग से गुजरना ‘ आवश्यक’ है और इसलिए यह जारी रहेगा। हालांकि मंत्रालय ने राज्य में सैनिकों को पहुंचाने के लिए हवाई सेवाएं बढ़ाईं हैं।
अलगाववादियों से वापस ली गई सुरक्षा
पुलवामा आतंकी हमले को देखते हुए सरकार ने अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली है, जिनमें ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन, फजल हक कुरैशी और अब्दुल गनी बट शामिल हैं। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इन 6 नेताओं और दूसरे अलगाववादियों को किसी भी तरह से सुरक्षा कवर नहीं दिया जाएगा।

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