नई दिल्ली। ईरान के सरकारी टीवी पर जारी बयानों में ईरान के रिवाल्यूशनरी गार्ड्स ने पाकिस्तान पर अपने सैनिकों पर हुए आत्मघाती बम हमले के साजिशकर्ताओं को समर्थन देने का आरोप लगाया है। बुधवार को हुए उस हमले में ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के 27 सैनिकों की मौत हो गई गई थी। रिवोल्यूशनरी कमांडर मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने जिहादी समूह जैश-अल-अद्ल की ओर इशारा करते हुए कहा, पाकिस्तान सरकार जानती है कि ये जिहादी और इस्लाम के लिये खतरा बने लोग कहां है और इन्हें पाकिस्तान के सुरक्षा बलों का समर्थन हासिल है।”
उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के वाणिज्य सलाहकार रजाक दाउद ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान भी भारत के विरुद्ध एकतरफा निर्णय ले सकता है। साथ ही दक्षिण एशिया वरीयता व्यापार समझौता (साप्ता) के तहत दी गयी छूट खत्म की जा सकती है। इसके अलावा मामले को जेनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन में भी उठाया जा सकता है।
समाचारपत्र ‘डॉन’ के मुताबिक दाउद सऊदी अरब के शहजादे और वहां के उच्च स्तरीय व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल के दो दिवसीय दौरे के सिलसिले में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उनसे भारत की इस कार्रवाई के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने यह जवाब दिया। पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर कायराना हमले के बाद भारत ने एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान से सवार्धिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र का दर्जा वापस लेने का निर्णय लिया है, साथ ही पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए भारत कूटनीतिक स्तर पर हर संभव कदम उठाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास पर हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में ये निर्णय लिये गये। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैठक में पुलवामा में हुई घटना के बारे में विस्तार से चचार् की गयी। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस कायराना हमले को अंजाम देने वाले और उनका समर्थन करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी तथा सुरक्षा बलों को इसके लिये निदेर्श दे दिये गये हैं। वर्ष 2016 में उरी में सुरक्षा बलों पर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध ऐसी ही कार्रवाई के प्रयास किये थे।

No comments:
Post a Comment