लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास पहुंचा मामला
>> आवेदक ने सही जांच नहीं होने पर खड़ा किया सवाल ,सक्षम प्राधिकार से गुहार लगाने की कहीं बात
पटना ( अ सं ) । भ्रष्टाचार पर सरकार का स्टैंड भले ही सकारात्मक हो लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं दिख रहा हैं । मसौढ़ी जेल में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितता के खिलाफ आधा दर्जन बंदियों ने शिकायत किया तो उन्हें प्रशासनिक करार देते हुये बेऊर जेल ट्रांसफर कर दिया गया ।बंदी मणिराज कुमार ने लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास शिकायत किया लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। इसके बाद पीड़ित बंदी सक्षम प्राधिकार के पास गुहार लगाने की बात कहां हैं ।
बंदी मणिराज कुमार ने मसौढ़ी जेल में हर व्यवस्था और संसाधन पर सवाल खड़ा किया था।सबसे बड़ा आरोप जेल में लगे सीसी टीवी बंद रखने का आरोप लगाया था। 6 आरोपों को लेकर मसौढ़ी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास मामला दर्ज कराया था। और आवेदन के माध्यम से बताया था की सजावार बंदी को किस नियम के तहत मसौढ़ी उपकारा में रखा गया हैं । जबकि यह जेल मैनुअल में सजावार बंदी को उपकारा में रखने पर नियमत: रोक हैं ।
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने जब उप कारा से जबाब तलब किया तो मामला चौकाने वाला निकला । भ्रष्टाचार पर तो पुरी सफाई थीं लेकिन सीसी टीवी पर सुरक्षा का हवाला देकर सीधे कहां की इसकी जानकारी साझा नहीं की जा सकती हैं । वहीं शिकायत करनेवाले 6 बंदियो, लोहा यादव ,रोहित कुमार ,प्रिंस कुमार ,यादव जी, विनय सिंह निम्मी कुमार को बेऊर जेल ट्रांसफर कर दिया गया । जिसके कारण इनके केस का ट्रायल बाधित हैं । कानून के जानकार बताते हैं की किसी केस का ट्रायल बाधित करना मानवाधिकार का हनन हैं ।
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