ऊँची दुकान, फीके पकवान
हरदोई। मिलावट के इस दौर में दुकानदार ज्यादा लाभ के चक्कर में ग्राहकों को घटिया माल टिकाने में जरा भी नहीं हिचकिचाते। ज्यादा कमीशन लेने के चक्कर में ग्राहकों को लोकल ब्रांड का घटिया माल बेंचकर दुकानदार अपनी समझ पर इतरा रहे हैं। जिससे ग्राहकों की जेब पर खुलेआम ‘लाइसेंसी डाका’ डाला जा रहा है। इतना ही नहीं ऐसे दुकानदार ग्राहकों को चूना भी सीना ठोंक कर लगा रहे हैं। और जब बेचारा ग्राहक अपनी शिकायत लेकर दुकानदारों के पास जाता है, तो वह कहते हैं कि जब जिंदगी की कोई गारंटी नहीं, तो वह बेचे गए माल की गारंटी क्या लें।
मामला है नगर की एक प्रतिष्ठित दुकान ’गोरखपुर हैण्डलूम हाजी साहब वाली दुकान’ का। यह दुकान नगर के बस बिल्डिंग रोड पर है। इस दुकान के मालिक निसार अहमद (अध्यापक पुत्र) हैं। हुआ यूं कि नगर के मोहल्ला आजादनगर निवासी संदीप श्रीवास्तव ने 19 दिसम्बर 2018 गोरखपुर हैंण्डलूम से रजाई का सनील कवर खरीदा। संदीप श्रीवास्तव ने दुकान के मालिक के अनुसार इस कवर की कीमत 1500 रुपए भी अदा की। जिसकी रसीद दुकानदार की तरफ से उन्हें दी गई। लगभग एक माह के बाद वह रजाई का सनील कवर जगह-जगह से फटने लग गया। जिसकी शिकायत लेकर जब वह दुकान के मालिक के पास गए, तो दुकान के मालिक निसार अहमद ने उनसे साफ और सीधे लफ्जों में बोल दिया कि जब जिंदगी की कोई गारंटी नहीं, तो वह बेचे गए कपड़े की क्या गारंटी लें। वह कपड़ा बेंचने के बाद किसी भी कपड़े की कोई गारंटी नहीं लेते। जिसके बाद संदीप श्रीवास्तव अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
सवाल यह है कि ग्राहक नगर की प्रतिष्ठित दुकान पर एक विश्वास के साथ जाता है कि अच्छी दुकान पर जाएंगे तो सामान भी अच्छा ही मिलेगा। परन्तु ज्यादा कमीशन के चक्कर में दुकानदार ग्राहकों को अच्छी रकम लेने के बाद भी घटिया सामान बेंच देता है। जिससे ग्राहक का भरोसा तो टूटता ही है साथ ही वह अपने आपको ठगा भी महसूस करता है। आखिर क्यों…?
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