अमृतसर सीट भाजपा से वापस लेने की तैयारी में अकाली दल | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Sunday, 17 February 2019

अमृतसर सीट भाजपा से वापस लेने की तैयारी में अकाली दल

नई दिल्ली। एनडीए का प्रमुख घटक अकाली दल कई मुद्दों पर भाजपा से नाराज है। अकाली दल ने आम चुनाव से ठीक पहले भाजपा के समक्ष एक मांग यह रख दी है कि अमृतसर लोकसभा सीट अकाली दल को दी जाए। हालांकि भाजपा ने इस पर अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है, लेकिन अकालियों का दावा है कि वह अमृतसर सीट जीतने की क्षमता रखते हैं। जबकि भाजपा के लिए यहां जीत मुश्किल है।

भाजपा और अकालियों का पंजाब में पुराना गठजोड़ है। पंजाब की कुल 13 लोकसभा सीटों में से 10 पर अकाली दल ने पिछली बार चुनाव लड़ा था और तीन सीटें अमृतसर, होशियारपुर और गुरूदासपुर भाजपा को दी गई थी। जिनमें से भाजपा ने दो सीटें जीती थी। लेकिन एक सीट वह उपचुनाव में हार गई। इसलिए अभी उसके पास एक सीट बची है।

अकाली दल के वरिष्ठ नेता नरेश गुजराल ने कहा कि अमृतर सीट पर हमारी स्थिति कहीं ज्यादा मजबूत है। इसलिए हमने भाजपा से कहा है कि यह सीट हमें दी जाए। हम कोई दूसरी सीट उन्हें दे देंगे। अमृतसर सीट पर 2014 में अरुण जेटली चुनाव लड़े थे, लेकिन वह हार गए थे। उससे पहले दो लोकसभा चुनाव और एक उपचुनाव नवजोत सिद्धू ने भाजपा के टिकट पर यहां से जीता है। लेकिन सिद्धू अब कांग्रेस में हैं। इससे पूर्व भी भाजपा और उससे पहले जनसंघ ने यह सीट जीती है। लेकिन अकालियों ने कभी यह सीट जीती नहीं है। फिर भी वह यहां अपने को मजबूत पाते हैं।

बता दें कि 2014 में कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह जीते थे। लेकिन 2016 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी। तब कांग्रेस के गुरमीत सिंह आहूजा यह सीट जीतने में सफल रहे। अकाली चाहते हैं कि गुरूदासपुर और होशियारपुर सीटों पर भाजपा पहले की तरह लड़े। बता दें कि गुरूदासपुर सीट पर पिछला चुनाव विनोद खन्ना ने जीता था। लेकिन उनके निधन के बाद उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने जीत ली। तब भाजपा ने उनकी पत्नी को टिकट नहीं देकर चूक की थी। शायद इस बार विनोद खन्ना की पत्नी को टिकट दिया जा सकता है। इस प्रकार अभी सिर्फ होशियारपुर सीट भाजपा के पास अभी है जहां से विजय सांपला सांसद है।

सीटों के बंटवारे पर गुजराल ने कहा कि इसका फॉर्मूला पहले से तय है। अकाली दस और भाजपा तीन सीटों पर लड़ती आई है। इस बार भी यही रहेगा। इस बारे में जल्द औपचारिक निर्णय भी कर लिया जाएगा। बता दें कि पिछले आम चुनावों में अकाली दल और आम आदमी पार्टी चार-चार सीटें जीतने में सफल रहे थे। जबकि कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने दो सीटें जीती थी। हालांकि गुजराल मानते हैं कि इस बार स्थिति बदली हैं। अकाली दल का प्रदर्शन पहले से बेहतर रहेगा क्योंकि पंजाब में कर्जमाफी के नाम पर जिस प्रकार से किसानों के साध धोखाधड़ी हुई, उससे लोग कांग्रेस सरकार से नाराज हैं।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad