सरकार ने आम चुनाव से पहले गुरुवार को पेश अपने आखरी बजट प्रस्तावों में किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग को लुभाने के लिये कई बड़ी घोषणायें की हैं। छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये मैगा पेंशन योजना और नौकरी पेशा तबके के लिये पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर मुक्त कर दिया गया है। इन तीन क्षेत्रों के लिए बजट में कुल मिला कर करीब सवा लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और इससे कुल मिला करीब 25 करोड़ लोगों को फायदा होगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में शुक्रवार को 2019- 20 का अंतरिम बजट पेश करते हुये कई लोक लुभावन घोषणायें की हैं।
बजट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार के बजट पर बड़ा हमला बोला और कहा कि यह लोगों के वोट पाने के लिए पैसे बांटने जैसा है। एक चैनल से खास बातचीत में सिन्हा ने कहा, ‘अंतरिम बजट लाया जाना था, लेकिन सरकार ने संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए अपना छठा बजट पेश कर दिया। उनको जनादेश केवल 5 बजट तक के लिए मिला था लेकिन जैसा कि ये हर जगह करते हैं, संविधान की परंपराओं का ध्यान न रखते हुए इन्होंने अपना छठा बजट पेश कर दिया। उस तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा। लोग सिर्फ यह बात कर रहे हैं कि बजट अच्छा है, बुरा है।’
सिन्हा ने कहा, ‘इस बजट में सरकार का बस एक ही प्रयास है कि विभिन्न वर्ग के लोगों को कैश उपलब्ध करा दो और वोट ले लो। यानी कैश फॉर वोट इनका मूल मंत्र है। अप्रैल-मई में चुनाव होंगे, एक्सपेंडिचर का एक आइटम है जो किसानों के लिए लाया गया है। इसे पहली दिसंबर से लागू किया जा रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि एक्सपेंडिचर को पीछे से लागू किया जाए लेकिन यह सरकार कर रही है। मार्च के अंत तक अगर यह सफल हुआ तो यह सरकार हर किसान को 2 हजार रुपया उपलब्ध करा देगी और अप्रैल-मई में चुनाव होगा, तो यह चुनाव कैश फॉर वोट नहीं तो क्या है?
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