- पुलिस मामले को बता रही संदिग्ध
लखनऊ। माल थाने के सामने स्थित मन्दिर के पास से बीते बुधवार की दोपहर को कस्बे में कपड़े लेने आये दलित युवक को बदमाशों ने घर पर छोड़ने का झांसा देकर काली वैन में बैठा कर अपहरण कर लिया। परिजनों ने दिन भर खोजबीन करने के बाद पुलिस से सम्पर्क किया। पुलिस ने गुमशुदा की तलाश के पोस्टर छपवा कर ढूढ़ने की सलाह देकर पीछा छुड़ा लिया। अपहृत युवक ने गुरुवार को अपने परिजनों से मोबाइल पर सम्पर्क कर आप बीती सुनाते हुए रो-रो कर मदद मांगा। परिजनों ने अपहरण की तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई, परन्तु पुलिस ने पहले दिन दी गयी गुमशुदगी की तहरीर को अपने पास रखकर अपहरण के मामले को दबा दिया। हद तो तब हो गयी जब शनिवार को अपहृत ने थाने में मौजूद अपने भाई से मोबाइल पर बात किया और भाई ने दरोगा से बात भी करवाई फिर भी पुलिस ने कोई सकारात्मक पहल करना मुनासिब नहीं समझा। दिनदहाड़े हुयी अपहरण की घटना से पीड़ित के परिजन सदमे में हैं।
जानकारी के मुताबिक क्षेत्र के थरी पंचायत के मजरे जगतीखेडा गांव के निवासी प्रदीप रैदास का 20 वर्षीय बेटा अरविन्द उर्फ अन्ना ट्रक के खलासी का काम करता है। बीते बुधवार को दोपहर वह कस्बा स्थित बाजार में कपड़े लेने गया था। घर वापसी के लिए वाहन की तलाश में थाने के पास सड़क पर खड़े अरविन्द को एक काली वैन पर बैठे दो लोगों ने घर छोड़ने का झांसा देकर गाड़ी में बैठा कर अपहरण कर लिया। घर वालों ने शाम तक इंतजार करने के बाद तलाश करना शुरू कर दिया। कहीं पता न चलने पर भाई धर्मेन्द्र ने पुलिस को भाई की गुमशुदगी की तहरीर दिया। पुलिस ने पर्चे छपवाकर तलाश करने का सुझाव देकर पल्ला झाड़ लिया। गुरुवार को अपहृत नेअपने मोबाइल से अपने भाई जितेंद्र के मोबाईल पर फोन पर बात किया। अपहृत अरविंद के अनुसार बीते बुधवार को दो लोगों ने घर तक लिफ्ट देने का झांसा देकर बैठा लिया। कुछ दूर चलने के बाद कुछ सुंघा कर बदमाशों ने बेहोश कर दिया। जब उसे होश आया तो उसने खुद को एक घने जंगल में पाया। उसकी जेब से मोबाइल निकाल कर बदमाशों ने पटक दिया था। जिसकी बैटरी ,ढक्कन उसी जगह बिखरा पड़ा था। अपहर्ता दिन में जंगल से चले जाते हैं। रात को वापस आ जाते है। अरविन्द ने मोबाइल के बिखरे सामान को जोड़ कर घर से सम्पर्क कर सारा हाल बताते हुए मदद मांगा। उसके परिजनों ने अपहृत के बताये अनुसार पुलिस को नई तहरीर दिया, परन्तु पुलिस ने उसे दबा दिया। पुलिस ने पीड़ित के भाई से कहा कि गुमशुदगी वाली तहरीर पर ही कार्यवाही की जायेगी। शनिवार को रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही किये जाने की गुहार लगाने थाने गए भाई धर्मेन्द्र के मोबाईल पर अपहृत का फोन आ गया तो उसने बीट प्रभारी से बात भी किया,और अपहतार्ओं के चंगुल से छुड़ाने की गुहार भी लगाई। लेकिन पुलिस ने फिर भी अपहरण का मुकदमा दर्ज नहीं किया।
मानव अंगों के तस्करों पर सन्देह
अपहृत अरविंद से हुई बातचीत से मानव अंगों के तस्कर अपहरण के लिए सन्देह के घेरे में हैं। बातचीत के अनुसार अपहरण के 5 दिन बीतने के बाद भी अपहतार्ओं की तरफ से कोई बात न किये जाने से एवम् अपहर्ता के छिपाये जाने की जगह के आसपास मानव अस्थियां और कंकाल के तमाम अवशेष बिखरे पड़े हुए हैं। जिससे शक है कि मानव अंगों के लिए ही अपहरण किया गया है।अपहृत गरीब परिवार का है। उससे किसी की रंजिश भी नहीं है। वह अविवाहित युवक है उसके तीन अन्य भाई हैं। थाना प्रभारी विनोद गोस्वामी ने बताया है कि उक्त युवक के मोबाईल की लोकेशन पंजाब में मिली है। काल डिटेल निकलवाई जा रही है। जिससे पूरी जानकारी मिल सके। उनका मानना है कि घटना संदिग्ध लग रही है। जांच के बाद ही पता चल पायेगा। पुलिस को शक है कि यदि अपहरण हुआ है तो उसके पास मोबाइल किस तरह रह गया है। दिन में उसे अपहर्ता क्यों खुला और आजाद छोड़ देते हैं।
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