
नई दिल्ली, दार्जिलिंग और आसाम का चाय मजदूरों का जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन आज हुआ जिसमें बंगाल के तराई 2 वर्ष में कई बग्नान बंद है यहां तक कि दुनिया में सबसे कीमती माने जाने वाले दार्जिलिंग चाय की तीन बगाने भी उनके मालिक केडी सिंह राज सभा सांसद की लापरवाह वाह सरकारी उदित उदासीनता के कारण बंद पड़े हुए हैं मजदूरों ने इन्हीं बयानों में अपनी कमेटी बनाकर पिछले साल में चलाया तो सही लेकिन इनकी औपचारिक मान्यता सरकार दे नहीं सकी सरकार मालिकों का राज बरकरार रखने के लिए हमेशा तत्पर रहती है चाय बागान ठीक से नहीं चल रही है गानों की उत्पादन क्षमता देख बाल विकास का काम सही है कि नहीं या देखने की जिम्मेदारी है केंद्र सरकार लेकिन अधिनस्थ बोर्ड के हाथों में इनके लिए भी है लेकिन दिखावे के लिए मालिक केवल सभी का खून चूसते हैं गानों को भी अपना मुनाफा निचोड़ कर फेंक देते हैं श्रमिकों का बकाया बैंक और बोर्ड से लिया गया लोन सभी जेल में डाल कर भाग जाते हैं मालिक पिछले सप्ताह ही भाग गया गोयंका के गानों का प्रबंध से इसी तरह भागा था अभी भगवान दिखा कर डाल दिया गया उत्तर प्रदेश की अपनी यूरिया फैक्ट्री में देखकर देखता नहीं नहीं चलने पर अधिग्रहण करके चलाने का अधिकार टूट के हाथों में है देशभर के मजदूरों के ऊपर जो हमला हुआ सरकार की तरफ से उद्योग में भी वही चीज व्याप्त है अपने तरीकों से लगभग ढाई दशक के चलते आए फैक्ट्री उद्योग केंद्रीकरण और ज्यादा असुरक्षित दूरी बढ़ती दिख रही है नए मॉडल भी मालिक के प्यारे हैं मालिकों की तरफ से पुराने इस फोटो में भी इसी को लागू करने की साजिश है इसके लिए प्लांटेशन लेबर एक्ट को रद्द करने की कोशिश होने लगी है उसे ज्यादा मजदूरों को अंग्रेजी जमाने में अच्छे दिन के सपने दिखाकर गानों में लाया गया था अभी तक उन्हें जमीन के कागज नहीं मिले हैं कि जिंदगी बिताने वाले मजदूरों के ऊपर जीविका की शादी बढ़ती जा रही है सामूहिक विवाह इन के पास कोई रास्ता नहीं है जिसके चलते आज लगभग हजारों लोगों ने सरकार की उदासीनता सरकार को जगाने के लिए इंकार भरीl

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