लखनऊ। विधान भवन के सामने शनिवार दोपहर एक महिला ने तीन बच्चों के साथ आत्मदाह की कोशिश की। हालत बिगड़ती देखकर पुलिसकर्मियों ने महिला को सिविल में भर्ती कराया। निर्मला ने अपने पड़ोसियों पर जमीन कब्जा करने, मारपीट और धमकी का आरोप लगाया है। पीड़िता के मुताबिक पुलिस आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें शह देने में लगी है।
इंस्पेक्टर हजरतगंज राधारमण सिंह के मुताबिक बेहटा गांव निवासी निर्मला 40 वर्ष पत्नी राम गोविंद मजदूरी करती है। शनिवार दोपहर वह अपनी दो बेटियों और एक बेटे के साथ विधानभवन पहुंची। विधानभवन के सामने निर्मला ने बच्चों संग खुद के ऊपर मिट्टी तेल की बोतल उडलने की कोशिश की। वह माचिस जलाने ही जा रही थी कि इसी बीच विधानभवन के आस-पास खड़े पुलिसकर्मियों ने महिला और उसके बच्चों को रोक लिया। पुलिस ने महिला को गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती कराकर उसके परिवारीजन को सूचना दी। महिला के मुताबिक पड़ोस में रहने वाले वासुदेव चावला, विमलेश और अन्य लोगों ने सरोजनीनगर तहसील के अधिकारियों के साथ मिलकर घर के पास स्थित उसकी एक जमीन पर कब्जा कर लिया है। विरोध पर वे लोग आए दिन मारपीट कर धमकी देते हैं। शुक्रवार रात तीनों कई अन्य लोगों के साथ खड़े थे। इस बीच परिवारीजन और बेटी घर के बाहर निकलीं तो उक्त लोग गाली-गलौच करने लगे। विरोध पर उन्होंने मारपीट की और धमकी दी। मामले की शिकायत पुलिस में की गई तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस सबंध में इंस्पेक्टर सरोजनीनगर ने बताया कि महिला का अपने पड़ोसी से जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा है। 13 मार्च को एसडीएम सरोजनीनगर के आदेश पर तहसीलदार ने जमीन पर दूसरे पक्ष को कब्जा दिलाया था। महिला ने अभी तक थाने में कोई लिखित शिकायत नहीं दी थी।
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