लखनऊ। उत्तर प्रदेश हाईटेक पुलिस कारोबारी के यहां जिस तरह से अधिवक्ता साथी के साथ डकैती डाल गुडवर्क का रूप देने की अससफल प्रयास से जहां एक ओर पुलिस का दामन दागदार किया है। वहीं दूसरी ओर जनता के भरोसे को भी चकनाचूर किया है। हालांकि यह बात एपल में अधिकारी विवेक तिवारी को गोली मारने वाले सिपाही प्रशांत चौधरी ने भी कही थी कि पुलिस तो कुछ भी कर सकती है। वहीं लखनऊ के पुलिस कप्तान कलानिधि नैथानी ने गोसाईगंज डकैती काण्ड में प्रभारी निरीक्षक को हटाकर मामले को ठंडा करने का बाखूबी प्रयास किया है,जोकि वारदात के दौरान गैरजनपद में थे। इससे सवाल यह भी उठन्ता है कि यदि थाने के जिम्मेदार थानेदार,जनपद के जिम्मेदार पुलिस कप्तान व प्रदेश के जिम्मेदार पुलिस महानिदेशक है तो इन सभी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि इस बात को लेकर विपक्षी सरकार को घेर रखा है। फिलहाल पुलिस डकैती काण्ड में फरार चल रहे अधिवक्ता समेत तीन की तलाश में दबिश दे रही है।
कलानिधि नैथानी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर फरार अधिवक्ता समेत तीन लोगों की तलाश की जा रही है। घटना में प्रयुक्त होने वाली गाड़ी को बरामद कर लिया गया है। आरोपित चारों पुलिस कर्मियों को जेल भेज दिया गया है। बताते चले कि शनिवार सुबह असलहों से लैस दारोगा पवन मिश्रा और आशीष तिवारी ने सिपाही प्रदीप तथा मुखबिर मधुकर समेत सात लोगों के साथ ओमेक्स रेजीडेंसी में सुल्तानपुर के धनपतगंज निवासी कोयला व्यवसायी अंकित अग्रहरि के फ्लैट में करोड़ों की ब्लैकमनी के लिए छापामारी कर डकैती की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस की टीम ने असलहे के दम पर कोयला व्यापारी के घर में घुसकर 3.85 करोड़ में से एक करोड़ 85 लाख रुपया लूटने के बाद व्यापारी को भी फंसाने की साजिश रची। इस मामले में दो दारोगा के साथ दो सिपाहियों समेत सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। दारोगा पवन, आशीष तिवारी, सिपाही प्रदीप और उसके चालक आनंद यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, मुखबिर अधिवक्ता व अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही हैं।
तो आखिर गायब रूपयों कहां
व्यापारी अंकित के मुताबिक उनके यहां 3.38 करोड़ रुपये थे, जिसमें से आरोपितों ने बेड और दीवान में रखे 1.85 करोड़ रुपये लूट लिए। इनकम टैक्स की टीम को बुलाकर बचे 1.53 करोड़ रुपये उनके हवाले कर दिए। हालांकि गिरफ्तार दोनों दारोगा के आवास से 36 लाख रुपये बरामद भी कर लिए गए। बाकी पैसा लेकर मधुकर मिश्रा और साथी फरार हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो कारोबारी के घर से करीब छह करोड़ रूपये मिले थे। लेकिन कागजों में सिर्फ 3.38 करोड़ रूपये दिखाये गये। बताया जा रहा है कि बाकी के गायब रूपये किसी नेता का है जोकि इनकम टैक्स से बचने के लिए आगे नहीं आ रहा है।
गोसाईगंज थाने में बनी थी योजना
बताया जा रहा है कि मुखबिर मधुकर गोसाईगंज थाने गया था। जहां उसने दोनों दारोगाओं के साथ मिलकर योजना बनाई थी। थाने में ही उन्होंने घंटों यह भी डील की थी कि कितना रुपया दिखाया जाएगा और कितना हड़प करना है। थाने में बनी योजना के बाद भी थानाप्रभारी अजय त्रिपाठी समेत किसी पुलिसकर्मी को भनक तक नहीं लगी। पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि मुखबिर मधुकर ने दोनों दारोगाओं को बताया था कि फ्लैट में करोड़ों रुपये की ब्लैकमनी और असलहों की खेप रखी है। इसी को आधार बनाकर दोनों दारोगा वहां पहुंचे थे।
सीसीटीवी फुटेज में रुपये लेते भागता दिखा मुखबिर
एसएसपी के आदेश पर जांच के लिए ओमेक्स अपार्टमेंट पहुंचे एसपी ग्रामीण विक्रांतवीर सिंह ने वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो मुखबिर मधुकर गाड़ी में कुछ बैग और सामान लेकर जाता दिखा। वह अहिमामऊ चौकी प्रभारी प्रेम शंकर पांडेय के अपार्टमेंट में पहुंचने के कुछ मिनट पहले ही पैसे लेकर भाग निकला था।
फ्लैट से मिली पिस्टल के मालिक को ढूंढ रही पुलिस
जांच के दौरान पुलिस को फ्लैट से एक .32 बोर की पिस्टल के साथ चार कारतूस मिले हैं। ये पिस्टल किसकी है। इसकी जांच की जा रही है। कहीं ऐसा तो नहीं कि ये पिस्टल लूट करने आये दरोगा की तो नहीं है। इस दिशा में पड़ताल की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि पिस्टल और कारतूस सील कर दिए गए हैं।
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