हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले राधाकृष्ण पर एक हजार जुर्माना
बाढ़ के सीताराम सिंह हत्याकांड में हैं मुख्यमंत्री आरोपित हुए थे सीएम
कई वर्षो से से ही यह मामला था उच्च न्यायालय में लंबित पड़ा
पटना। पटना हाइकोर्ट ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ी राहत देते हुए उन पर दायर चुनावी हत्या से संबंधित एफआईआर और नीचली अदालत द्वारा मुख्यमंत्री पर चलाए जाने वाले क्रिमीनल प्रोसेडिंग को खारिज कर दिया। जसिटस ए अमानुल्लाह की पीठ ने इस संदर्भ में नीतीश कुमार पर क्रिमीनल प्रोसेडिंग चलाने संबधी याचिका दायर करने वाले राधकृष्ण सिंह पर यह कहते हुए 1 हजार का अर्थदंड लगाया कि ‘ऐसे मामलो में किसी तीसरे व्यक्ति जिसका इस तरह के केस से कोई तााल्लुक नहीं है हस्क्षेप याचिका दायर नहीं कर सकता।’
नवम्बर 2009 में बिहार में हुए लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में तब बाढ़ संसदीय क्षेत्र के पंडारक में सीताराम सिंह नाम के एक व्यक्ति की हत्या गोली मार कर कर दी गई थी। इस मामले को लेकर तब ढीबर गांव निवासी अशोक सिंह ने नीतीश कुमार सहित कुछ अन्य लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। बाढ़ कोर्ट के तत्कालीन एसीजेएम रंजन कुमार ने इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी पाते हुए उनपर इस मामले में ट्रायल शुरु करने का आदेश जारी किया। इस मामले पर हंगामा होते ही एक साजिश के तहत तब इस मामले को हाइकोर्ट में स्थानांतरित करा दिया गया और वर्ष 2009 से लेकर अबतक यह मामला हाइकोर्ट में लंबित था।। इसी बीच राधाकृष्ण सिंह ने हस्तक्षेप यााचिक दायर कर नीतीश कुमार पर क्रीमिनल प्रोसिडिंग चलाने का आग्रह उच्च न्यायालय में किया था ल्सिपर आज पॅसला आ गया और हाईकोर्ट ने नीतीश कुमार को बड़ी राहत दे दी। इस मामले में नीतीश कुमार की ओर से वरीय अधिवक्ता कृश्णा प्रसाद सिंह ने बहस की जबकि सरकारी अधिवक्ता सह पीपी झारखंडी उपाध्याय ने सरकार की तरफ से बहस की
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