नई दिल्ली। बीजेपी छोड़ जल्द कांग्रेस जॉइन करने जा रहे पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने रविवार खुलासा किया कि उन्होंने कांग्रेस में जाने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी ही सही मायने में राष्ट्रीय पार्टी है। शत्रुघ्न ने साथ ही कहा कि उन्होंने यह फैसला आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के सुझाव के बाद लिया है।
इतना ही नहीं शत्रुघ्न ने यह दावा भी किया कि टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, एसपी चीफ अखिलेश यादव, आप के अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी-अपनी पार्टियों में शामिल होने का न्योता दिया था, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि स्थितियां जो भी हों वह पटना साहिब से ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
ऐक्टर से पॉलिटिशियन बने शत्रुघ्न (73) से जब पूछा गया कि उन्होंने कांग्रेस जॉइन करने का फैसला क्यों किया, तो उन्होंने कहा कि कई वजहें हैं। कांग्रेस में महात्मा गांधी, वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू जैसे महान नेता रहे हैं और इसमें नेहरू-गांधी परिवार है। पार्टी की स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका रही है। उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे पारिवारिक मित्र लालू प्रसाद ने भी मुझे कांग्रेस में जाने की सलाह दी थी। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं आपके साथ हूं और राजनीतिक रूप से भी साथ रहूंगा। यह उनकी इजाजत और उनके साथ समझौते के बाद हुआ।’
बता दें कि शत्रुघ्न पिछले कुछ समय से पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों पर हमलावर रहे हैं। बीजेपी ने उनके रवैये को देखते हुए भले ही उन्हें पार्टी से न निकाला हो लेकिन उनकी फेवरेट पटना साहिब सीट से केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को उम्मीदवार घोषित कर उन्हें सीधा संकेत दे दिया। उधर, पटना साहिब सीट से ही चुनाव लड़ने पर अड़े हुए शत्रुघ्न ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महागठबंधन में पटना साहिब की सीट कांग्रेस के पास गई है और जो भी स्थिति रहेगा, मैं उसी सीट से लड़ूंगा।
पटना साहिब से दो बार सांसद शत्रुघ्न ने कहा, ‘ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल सहित अन्य नेता मुझे अपनी पार्टी में लेना चाहते थे। लेकिन मैंने कांग्रेस इसलिए जॉइन की क्योंकि जो भी स्थिति रहती मैं इसी सीट से लड़ता।’ उधर, रविशंकर की उम्मीदवारी पर उन्होंने कहा, ‘रविशंकर प्रसाद को मैं शुभकामनाएं देना चाहता हूं। आखिरकार पटना के लोगों को फैसला लेना है। हम फैसले को स्वीकार करेंगे। मुझे भगवान की कृपा से यह अहसास हो रहा है कि मुझे जनता का समर्थन मिला, मैं जीत का पुराना रेकॉर्ड तोड़ सकता हूं।’
शत्रुघ्न ने आगे कहा कि बीजेपी छोड़ना उनके लिए तकलीफदेह फैसला है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी जिससे मैं लंबे समय से जुड़ा था, उसे छोड़ना मेरे लिए पीड़ादायक था। लेकिन एल. के. आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ जिस तरह से बर्ताव किया गया, उससे मैं आहत था।’
उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने इस बार आडवाणी और जोशी को उम्मीदवार नहीं बनाया है। आडवाणी की परंपरागत गांधीनगर सीट से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और जोशी की कानपुर सीट से सत्यदेव पचौरी चुनाव लड़ेंगे।
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