अखिलेश यादव की उपस्थिति में ज्वाइन की सपा
हरदोई – टिकट कटने से पूर्व अपने को “चौकीदार” कहने वाले हरदोई सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे चौकीदार अंशुल वर्मा ने आखिरकार प्रदेश बीजेपी कार्यालय के चौकीदार को ही अपना इस्तीफा सौंप दिया और कहा कि वे अंशुल हैं, अंशुल रहेंगे, चौकीदार नाम के आगे नहीं लगाएंगे। यही नहीं, सपा के आजम खान को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव की उपस्थिति में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
2019 के लोकसभा चुनावों में इस बार भाजपा ने दोनों सीटों पर अपने मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर दूसरे दल से आये नेताओं को टिकट दे दिया, जिससे जिले के दोनों मौजूदा सांसदों के बगावती सुर अख्तियार करने की सूचनाएं छन छनकर बाहर आ रही थी। बुधवार को इन अटकलों पर उस समय विराम लग गया,जब सदर भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को संबोधित अपना इस्तीफा कार्यालय के चौकीदार को ही सौंप दिया। टिकट कटने के बाद से बगावती तेवर में नज़र आ रहे सांसद अंशुल वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्धारा शुरू की गई “मैं भी चौकीदार” मुहिम पर तंज कसा था। बतातें चलें कि सदर भाजपा सांसद अंशुल वर्मा 2014 में मोदी लहर में उस समय की वर्तमान सांसद सपा प्रत्याशी उषा वर्मा को बड़े अंतर से चुनाव हराकर लोकसभा पहुंचे थे। बतातें चलें कि सदर भाजपा सांसद अंशुल वर्मा व जिले के कद्दावर नेता नरेश अग्रवाल के बीच पिछले कुछ समय से जुबानी जंग चल रही थी। दोनों नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग के मध्य भाजपा ने टिकट की घोषणा कर दी गयी जिसमें पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल के करीबी जयप्रकाश रावत को टिकट मिलने के बाद सांसद अंशुल वर्मा के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने भाजपा को बॉय बाय कह दिया। भाजपा से सपा में शामिल हुए पूर्व सांसद अंशुल वर्मा ने कहा कि मेरा नाराज होना वाजिब है जब भाजपा ने विकास किया है और सदन तथा क्षेत्र में मेरी उपस्थिति समान रूप से रही। 24000 करोड से हरदोई में विकास कार्य कराए हैं जो कि लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह द्वारा कराए गए विकास कार्यों की राशि के बराबर है तो आखिर क्या वजह रही कि जो मेरा टिकट काटा गया। अंततः सपा में शामिल होने के बाद अंशुल वर्मा किस रूप में आगाज करेंगे, यह तो वक्त ही बताएगा।
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