सण्डीला।हरदोई -हिंदुस्तान के प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत ख़्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती ग़रीब नवाज़ रह के अजमेर में हो रहे सालाना उर्स के अवसर पर ग़रीब नवाज़ फाउण्डेशन की ओर से कर्बला स्थित दरगाह मीरां साहब”जश्ने ग़रीब नवाज़” का आयोजन सूफी शफ़ी अहमद साबरी की अध्यक्षता में व सूफी इक़बाल अहमद के संचालन में किया गया। इस अवसर पर फाउण्डेशन के सरपरस्त फरीदुद्दीन अहमद ने हज़रत ख़्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती रह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि औलिया कराम अपनी जिंदगी के जरिए लोगों को सबक लेने का पैगाम देते हैं। उनके संपर्क में आने वाले लोग उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते हैं।हिंदुस्तान में इसकी मिसाल ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ हैं।दरगाह हज़रत सय्यद साग़र मियां रह के सज्जादा नशीन मुईज़उद्दीन अहमद साग़री चिश्ती ने कहा कि हज़रत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ हमारे देश में इस्लामी शिक्षाओं के अलमबरदार हैं। इस्लाम अमन शांति खुशहाली की शिक्षा देता है। इस्लाम धर्म कट्टरवाद,सांप्रदायिकता और आतंकवाद का कड़ा विरोध करता है। डॉ ज़ुबैर अहमद सिद्दीकी,फरहनुल हक़,दावर रज़ा, फरहत महमूद,हाफिज मुक़ीम ने नाअत मनकबत का नज़राना पेश किया। लंगर का आयोजन हुआ।नगर के मदरसा गौसिया में आयोजित जश्ने ग़रीब नवाज़ को सम्बोधित करते हुए अल्लामा मौलाना मेहंदी हसन ने कहा कि ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ रह की पूरी जिंदगी अल्लाह की बंदगी और मखलूक की खिदमत करते हुए गुजरी है। हमें भी चाहिए कि अपनी जिंदगी को भी अल्लाह की इबादत के साथ खिदमते ख़ल्क़ पर गुज़ारें ।उन्होंने कहा कि बेहतर मुसलमान वह है जो इबादत के साथ ही दूसरे लोगों के साथ बेहतर ढंग से पेश आए। इसके अलावा क़ाज़ी साहब की मस्जिद,मदीना होटल व नगर में कई जगह ख्वाजा गरीब नवाज का जश्न मनाया गया। इसमें कहीं कव्वाली की महफिल सजी तो कहीं जलसा आयोजित किया गया।
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Friday 15 March 2019
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