मेरी अधूरी सी कहानी का कोई दिलकश सा किस्सा हो तुम,
मेरी छोटी सी ज़िंदगी की एक उम्र का हिस्सा हो तुम।
तेरी बाहों में बसता है मेरा फ़िरदौस-ए-जहाँ,
सुकून की तलाश में फिर तुझसे दूर जाऊं कहाँ।
किसी और से क्या मोहब्बत करूं,
इन दिनों खुद से ही फिर जुङने की कोशिश कर रहा हूँ।
हवाएँ भी आज कल दगा करती हैं,
मुझे खुद में घूलाये, तुझे छूआ करती हैं।
चाहे तो आजमाले मुझे किसी और से ज्यादा,
मेरी जिंदगी मे कुछ नही तेरी मोहब्बत से ज्यादा।
धूप में चलकर छाव से हमने कोई वास्ता ना रखा।
उन्होंने मुझे खोखला किया हमने उन्हें फिर भी दिल मे रखा।।
तुम्हारे खयालो से फुरसत नहीं मिलती,
एक पल के लिए हमें राहत नहीं मिलती,
यु तो सब कुछ हमारे पास है,
बस देखने के लिए आप की सूरत नहीं मिलती।
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