हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को,
औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया.
मोहब्बत और मुकद्दर में बरसों से जिद का रिश्ता है,
मोहब्बत जब भी होती है तो मुकद्दर रूठ ही जाता है।
आंसूओ तले मेरे सारे अरमान बह गये
जिनसे उमीद लगाए थे वही बेवफा हो गये,
थी हमे जिन चिरागो से उजाले की चाह
वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये.
उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ,
सामने न सही पर आस-पास हूँ,
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे,
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!
वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो नफ़रत भी तेरी थी,
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी तेरी थी,
मैं अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता?
वो शहर भी तेरा था, वो अदालत भी तेरी थी.
मोहब्बत से इनायत से वफ़ा से चोट लगती है,
बिखरता फूल हूँ मुझको हवा से चोट लगती है,
मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ,
तकल्लुफ़ से बनावट से अदा से चोट लगती है।
Mohabbat Se, Inayat Se, Wafa Se Chot Lagti Hai,
Bikharta Phool Hun MujhKo Hawa Se Chot Lagti Hai,
Meri Aankhon Mein Aansoo Ki Tarah Ek Raat Aa Jaao,
Takalluf Se Banawat Se Adaa Se Chot Lagti Hai.
हुए जिस पे मेहरबाँ तुम कोई खुशनसीब होगा,
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसुओं में ढलकर।
Huye Jis Pe Meharbaan Tum Koyi KhushNasheeb Hoga,
Meri Hasratein Toh Nikli Mere Aansuon Mein DhalKar.
मोहब्बत में लाखों ज़ख्म खाए हमने,
अफ़सोस उन्हें हम पर ऐतबार नहीं,
मत पूछो क्या गुजरती है दिल पर,
जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नहीं।
Mohabbat Mein Lakhon Zakhm Khaye Humne,
Afsos Unhein Hum Par Aitbar Nahi,
Mat Puchho Kya Gujarti Hai Dil Par,
Jab Woh Kehte Hain Humein Tumse Pyar Nahi.
Na Zakhm Bhare Na Sharab Sahara Hui,
Na Wo Wapas Laute Na Mohabbat Dobara Hui.
असल मोहब्बत तो वो,
पहली ही मोहब्बत थी,
इसके बाद तो हर शख्स में,
सिर्फ उसी को ढूँढा है।
Asal Mohabbat Toh Woh,
Pahli Hi Mohabbat Thi,
Iske Baad To Har Shakhs Mein,
Sirf Usi Ko Dhoondha Hai.
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