Osho Shayari in Hindi 2019, here is the list some of the best Shayari from all over the world. It's pure in Hindi with Hindi fonts. We hope that you like the collection. Enjoy! don't forget to share!
1. धर्म वही है जो नाचता हुआ है। जो धर्म हंसी न दे और जो धर्म खुशी-उत्साह न दे, वह धर्म, धर्म नहीं है।
2. कोई प्रबुद्ध कैसे बन सकता है? बन सकता है, क्योंकि वो प्रबुद्ध होता है- उसे बस इस तथ्य को पहचानना होता है.
3. कोई चुनाव मत करिए. जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है.
4. अर्थ मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं . और क्योंकि आप लगातार अर्थ जानने में लगे रहते हैं , इसलिए आप अर्थहीन महसूस करने लगते हैं.
5. मानो नहीं, जानो। भागो मत, जागो। जो कुछ है, वह आज अभी और यहीं है।
6. सिर्फ दो बातें याद रखनी हैं : एक ध्यान व दूसरा प्रेम। फिर किसी धर्म की जरूरत नहीं रहती। ध्यान स्वयं के लिए और प्रेम दूसरों के लिए। ध्यान भीतर जाने के लिए और प्रेम बाहर जाने के लिए।
7. तुम्हारे और मेरे में अंतर क्या है? बस एक अंतर है कि मैं अपने ईश्वरत्व को पहचाना हूं और तुम अपने ईश्वरत्व को नहीं पहचानते। मैं जाग गया हूं और तुम गहरी नींद में सोए हो।
8. तुम जहां, जैसे हो, उस सबका कारण तुम्हीं हो। तुम स्वयं को बदल कर इसे बदल सकते हो।
9. मैं तुमसे यह नहीं कहता कि अपनी परिस्थिति को बदल दो। मैं तुमसे कहता हूं कि तुम अपनी मनोदशा को बदल लो। बाजार में रहते हुए भी बाजार का हिस्सा मत बनना। संसार में रहो लेकिन संसार तुम्हें प्रदूषित न करे।
10. मैंने बड़े बड़े काम किए; मैंने अपने लिये घर बनवा लिए और अपने लिये दाख की बारियाँ लगवाईं; मैंने अपने लिये बारियाँ और बाग लगवा लिए, और उनमें भाँति भाँति के फलदाई वृक्ष लगाए। मैंने अपने लिये कुण्ड खुदवा लिए कि उनसे वह वन सींचा जाए जिसमें पौधे लगाए जाते थे। मैंने दास और दासियाँ मोल लीं, और मेरे घर में दास भी उत्पन्न हुए; और जितने मुझसे पहिले यरूशलेम में थे उसने कहीं अधिक गाय-बैल और भेड़- बकरियों का मैं स्वामी था।
11. मैं एक ही अनुशासन देता हूं कि तुम सदा सचेत रहना और अपने जैसे होने में लगे रहना। हीनता से बचना। यह एक दफा पैदा हो गई तो तुम किसी का अनुसरण करोगे। कोई आदर्श, कोई प्रतिमा, किसी के पीछे चलने लगोगे।
12. तुम्हारी निर्भर होने की इच्छा के कारण ही तुम सब तरह के संप्रदायों और पंथों के गुलाम हो गए।
13. मैंने चाँदी और सोना और राजाओं और प्रान्तों के बहुमूल्य पदार्थों का भी संग्रह किया; मैंने अपने लिये गायकों और गायिकाओं को रखा, और बहुत सी कामिनियाँ भी –जिनसे मनुष्य सुख पाते हैं, अपनी कर लीं। इस प्रकार मैं अपने से पहले के सब यरूशलेमवासियों से अधिक महान और धनाढ्य हो गया… और जितनी वस्तुओं के देखने की मैंने लालसा की, उन सभों को देखने से मैं न रूका; मैंने अपना मन किसी प्रकार का आनन्द भोगने से न रोका क्योंकि मेरा मन मेरे सब परिश्रम के कारण आनन्दित हुआ; और मेरे सब परिश्रम से मुझे यही
14. जीवन आंख मूंदकर खुद को दोहराता है – जब तक आप इसके प्रति जागरूक नहीं हो जाते हैं, यह एक चक्र की तरह दोहराता रहेगा.
15. अच्छा – बुरा, कड़वा – मीठा, अँधेरा – प्रकाश, गर्मी – सर्दी – सभी संभव तरीके से जीवन का अनुभव होता है. सभी द्वंद्वों का अनुभव होता है. अनुभव से डरो मत, क्योंकि आपको अधिक अनुभव होने से आपकी परिपक्वता ब
16. किसी के साथ, किसी भी प्रतियोगिता की कोई जरूरत नहीं है. आप अपने आप से हैं, और आप जैसे हैं, आप पूर्ण रूप से अच्छे हैं. अपने आप को स्वीकार करो.
17. मैं स्वयं को भगवान कहता रहा हूं सिर्फ एक चुनौती की तरह। मैंने इसे नया अर्थ देने की कोशिश की। मैंने कहा कि भगवान का अर्थ है – भाग्यवान, जिसके प्राण धन्य हुए।
18. कुछ बनने का विचार छोड़ दें, क्योंकि आप पहले से ही एक अत्युत्तम कृति हैं. आप में सुधार नहीं किया जा सकता है. आपको केवल अपनी कृति पर आना होगा, इसे जानना होगा, इसे साकार करना होगा.
19. प्यार में पड़ने से आप एक बच्चे की तरह रहेंगे; प्यार में बढ़ोतरी से आप परिपक्व होते हैं. प्यार से तुरंत कोई रिश्ता नहीं बन जाता है, इससे आपकी हस्ती बनती है. फिर आप प्यार में नहीं हैं बल्कि – अब आप खुद ही प्यार हैं.
20. प्रत्येक व्यक्ति एक विशिष्ट भाग्य के साथ इस दुनिया में आता है – उसके पास जो कुछ है उसे परिपूर्ण करना पड़ता है, कुछ सन्देश दुनिया को देना होता है – कुछ कार्य जिन्हें पूरा करना पड़ता है. आप यहाँ संयोगवश नहीं हो – आपकी यहाँ सार्थकता है. आप के पीछे एक उद्देश्य है. सृष्टि आपके माध्यम से कुछ कराना चाहती है.
Osho Shayari in Hindi 2019
2. कोई प्रबुद्ध कैसे बन सकता है? बन सकता है, क्योंकि वो प्रबुद्ध होता है- उसे बस इस तथ्य को पहचानना होता है.
3. कोई चुनाव मत करिए. जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है.
4. अर्थ मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं . और क्योंकि आप लगातार अर्थ जानने में लगे रहते हैं , इसलिए आप अर्थहीन महसूस करने लगते हैं.
5. मानो नहीं, जानो। भागो मत, जागो। जो कुछ है, वह आज अभी और यहीं है।
6. सिर्फ दो बातें याद रखनी हैं : एक ध्यान व दूसरा प्रेम। फिर किसी धर्म की जरूरत नहीं रहती। ध्यान स्वयं के लिए और प्रेम दूसरों के लिए। ध्यान भीतर जाने के लिए और प्रेम बाहर जाने के लिए।
7. तुम्हारे और मेरे में अंतर क्या है? बस एक अंतर है कि मैं अपने ईश्वरत्व को पहचाना हूं और तुम अपने ईश्वरत्व को नहीं पहचानते। मैं जाग गया हूं और तुम गहरी नींद में सोए हो।
8. तुम जहां, जैसे हो, उस सबका कारण तुम्हीं हो। तुम स्वयं को बदल कर इसे बदल सकते हो।
9. मैं तुमसे यह नहीं कहता कि अपनी परिस्थिति को बदल दो। मैं तुमसे कहता हूं कि तुम अपनी मनोदशा को बदल लो। बाजार में रहते हुए भी बाजार का हिस्सा मत बनना। संसार में रहो लेकिन संसार तुम्हें प्रदूषित न करे।
10. मैंने बड़े बड़े काम किए; मैंने अपने लिये घर बनवा लिए और अपने लिये दाख की बारियाँ लगवाईं; मैंने अपने लिये बारियाँ और बाग लगवा लिए, और उनमें भाँति भाँति के फलदाई वृक्ष लगाए। मैंने अपने लिये कुण्ड खुदवा लिए कि उनसे वह वन सींचा जाए जिसमें पौधे लगाए जाते थे। मैंने दास और दासियाँ मोल लीं, और मेरे घर में दास भी उत्पन्न हुए; और जितने मुझसे पहिले यरूशलेम में थे उसने कहीं अधिक गाय-बैल और भेड़- बकरियों का मैं स्वामी था।
11. मैं एक ही अनुशासन देता हूं कि तुम सदा सचेत रहना और अपने जैसे होने में लगे रहना। हीनता से बचना। यह एक दफा पैदा हो गई तो तुम किसी का अनुसरण करोगे। कोई आदर्श, कोई प्रतिमा, किसी के पीछे चलने लगोगे।
12. तुम्हारी निर्भर होने की इच्छा के कारण ही तुम सब तरह के संप्रदायों और पंथों के गुलाम हो गए।
13. मैंने चाँदी और सोना और राजाओं और प्रान्तों के बहुमूल्य पदार्थों का भी संग्रह किया; मैंने अपने लिये गायकों और गायिकाओं को रखा, और बहुत सी कामिनियाँ भी –जिनसे मनुष्य सुख पाते हैं, अपनी कर लीं। इस प्रकार मैं अपने से पहले के सब यरूशलेमवासियों से अधिक महान और धनाढ्य हो गया… और जितनी वस्तुओं के देखने की मैंने लालसा की, उन सभों को देखने से मैं न रूका; मैंने अपना मन किसी प्रकार का आनन्द भोगने से न रोका क्योंकि मेरा मन मेरे सब परिश्रम के कारण आनन्दित हुआ; और मेरे सब परिश्रम से मुझे यही
14. जीवन आंख मूंदकर खुद को दोहराता है – जब तक आप इसके प्रति जागरूक नहीं हो जाते हैं, यह एक चक्र की तरह दोहराता रहेगा.
15. अच्छा – बुरा, कड़वा – मीठा, अँधेरा – प्रकाश, गर्मी – सर्दी – सभी संभव तरीके से जीवन का अनुभव होता है. सभी द्वंद्वों का अनुभव होता है. अनुभव से डरो मत, क्योंकि आपको अधिक अनुभव होने से आपकी परिपक्वता ब
16. किसी के साथ, किसी भी प्रतियोगिता की कोई जरूरत नहीं है. आप अपने आप से हैं, और आप जैसे हैं, आप पूर्ण रूप से अच्छे हैं. अपने आप को स्वीकार करो.
17. मैं स्वयं को भगवान कहता रहा हूं सिर्फ एक चुनौती की तरह। मैंने इसे नया अर्थ देने की कोशिश की। मैंने कहा कि भगवान का अर्थ है – भाग्यवान, जिसके प्राण धन्य हुए।
18. कुछ बनने का विचार छोड़ दें, क्योंकि आप पहले से ही एक अत्युत्तम कृति हैं. आप में सुधार नहीं किया जा सकता है. आपको केवल अपनी कृति पर आना होगा, इसे जानना होगा, इसे साकार करना होगा.
19. प्यार में पड़ने से आप एक बच्चे की तरह रहेंगे; प्यार में बढ़ोतरी से आप परिपक्व होते हैं. प्यार से तुरंत कोई रिश्ता नहीं बन जाता है, इससे आपकी हस्ती बनती है. फिर आप प्यार में नहीं हैं बल्कि – अब आप खुद ही प्यार हैं.
20. प्रत्येक व्यक्ति एक विशिष्ट भाग्य के साथ इस दुनिया में आता है – उसके पास जो कुछ है उसे परिपूर्ण करना पड़ता है, कुछ सन्देश दुनिया को देना होता है – कुछ कार्य जिन्हें पूरा करना पड़ता है. आप यहाँ संयोगवश नहीं हो – आपकी यहाँ सार्थकता है. आप के पीछे एक उद्देश्य है. सृष्टि आपके माध्यम से कुछ कराना चाहती है.
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