गाजियाबाद। नगर निगम के निर्माण और जलकल विभाग के अंतर्गत कार्य करने के बावजूद एक मोटी रकम का भुगतान ना किए जाने से अधिकांश ठेकेदार गुस्से में है। ठेकेदारों की नाराजगी इस पहलू को लेकर है कि महापौर आशा शर्मा के हस्तक्षेप के बावजूद होली जैसे पर्व पर पेमेंट के मामले में निगम के एकाउंट विभाग के द्वारा हाथ खडे कर दिए गए। अभी भी टैक्स वसूली से एकाउंट में पैसा प्राप्त होने के बाद भुगतान का आश्वासन दिया जा रहा है। करीब चालीस करोड रूपए का ठेकेदारों को भुगतान किया जाना है। ठेकेदार ये तय नहीं कर पा रहे कि स्टाफ आदि को कैसे भुगतान किया जाए। ठेकेदार इस पहलू को लेकर सवाल उठा रहे है कि आचार संहिता की घोषणा से पहले दावा किया गया था कि निगम के एकाउंट विभाग में करीब साढे तीन सौ करोड रूपया शेष है। आखिर ये पैसा कहां गया। जलकल और निर्माण विभाग के आला अधिकारी मुददे को लेकर चुप्पी साधे है। बकाया रकम को लेकर ठेकेदार और एकाउंट विभाग में एक माह से तकरार के हालात बने हुए है। पूरे प्रकरण को लेकर महापौर आशा शर्मा की मौजूदगी में निगम के आला अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई। इस दौरान ठेकेदारों के बकाया रकम का भुगतान किए जाने पर जोर दिया गया। हैरत का पहलू ये है कि तमाम प्रयास के बावजूद ठेकेदारों का बकाया रकम का भुगतान नहीं हो पाया है। अब ठेकेदारों को कुछ समय इंतजार करने की सलाह दी जा रही है। ठेकेदारों का कहा गया है कि टैक्स के तौर पर रकम एकाउंट विभाग के खाते में आने का इंतजार है। ठेकेदारों की मानें तो उनकी समझ से ये दूर है कि बजट बैठक के दौरान दावा किया गया था कि खाते में साढे तीन सौ करोड रूपया अवशेष है। मोटी रकम एकाउंट में होने के बावजूद किन कारणों से उन्हें पैमेंट नहीं की जा रही है।
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Wednesday 3 April 2019
मेयर के हस्तक्षेप के बाद भी कर्मचारीयों को नहीं मिल पा रहा मेहनताना
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