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Sunday, 19 May 2019

छेड़छांड़ के आरोपी शिक्षक को बहाल करना बीएसए को महंगा पड़ा

हाईकोर्ट ने आरोपी के निलंबन को यथावत रखने का दिया आदेश,बीएसए से मांगा स्पष्टीकरण
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हरदोई। शिक्षिका से छेन्डख़ानी करने वाले निलंबित शिक्षक को उसी विद्यालय में बहाल करने पर शिक्षा विभाग की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। हाईकोर्ट ने पीड़िता की याचिका पर बीएसए व शिक्षा सचिव से स्पष्टीकरण तलब किया है।पत्रकारों को मामले की जानकारी देते हुए सुरसा ब्लॉक के जूनियर हाई स्कूल सरैयां की सहायक अध्यापक मधु सिंह ने बताया कि 20 मई 2016 को उन्ही के विद्यालय के शिक्षक गौरव मिश्रा ने उनसे रास्ते मे रोककर अश्लीलता की थी। विरोध करने पर हाँथापाई भी हुई, जिसमे रूपट्टा फट गया था। घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी, किन्तु विपक्षी की राजनैतिक पहुंच होने के कारण उस पर पुलिस कार्यवाही नही हुई। विभाग ने निलंबित कर दिया था।शिक्षिका ने बताया कि बीते 30 मार्च 2019 को बीएसए हेमंत राव ने आरोपी शिक्षक को बहाल कर दिया, उसने बीते 03 मई को उसी स्कूल में जॉइन कर लिया जहां पीड़िता तैनात है। ऐसी स्थिति में पीड़िता ने कोर्ट का सहारा लिया। हवाला दिया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, विभागीय जांच भी पूर्ण नही हो पाई, यहां तक कि इतने गंभीर प्रकरण में पीड़िता के बयान तक नही हुए, और आरोपी शिक्षक को उसी विद्यालय में बहाल किया जाना, नियमों का उलंघन है।इस बात पर उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने अपने 16 मई 2019 के आदेश में पीड़िता को राहत दी है। आरोपी गौरव मिश्रा को तत्काल प्रभाव से 30 मार्च 2019 से पूर्व की स्थिति में मामला स्टे कर दिया है। साथ ही बीएसए हेमंत राव से व्यक्तिगत हलफनामे में आरोपी शिक्षक को बहाल करने के संदर्भ में स्पष्टीकरण तलब किया है। इसके अलावा संबंधित विभाग के व पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है।

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