प्राइवेट स्कूल बस चालक व परिचालकों का हो रहा शोषण
4000 से 6000 की पगार देकर सरकारी नियमों की उड़ा रहे धज्जियां
सरकार द्वारा लागू न्यूनतम मजदूरी का उड़ा रहे मख़ौल
कमरतोड़ महंगाई के चलते 2 जून की रोटी भी मिल रही मुश्किल से
हरदोई -प्राइवेट स्कूलों की मनमानी व तानाशाही पूर्ण रवैया, साथ ही सरकार द्वारा नकेल कसने में पूरी तरह से असफल है।मालूम हो कि प्राइवेट स्कूलों के बड़े व छोटे वाहनों के चालक, परिचालकों के सरकारी नियमों को दरकिनार कर न्यूनतम मजदूरी से भी कम पैसे देकर हुजूरी कराई जा रही है। प्राइवेट नौकरी के चलते नौकरी से निकाले जाएं, इस डर से बस चालक व परिचालक कुछ भी बोलने से कतराते हैं जबकि अभी कुछ दिन पूर्व सीएसएन पीजी कॉलेज के परिसर में स्कूल वाहनों की गुणवत्ता व मानक की जांच जिलाधिकारी के निर्देश पर की जा रही थी, इस दौरान वहां मौजूद चालक व परिचालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस कमरतोड़ महंगाई में 8 से 10 घंटे ड्यूटी करने के बावजूद 4 से ₹6000 की पगार पर 2 जून की रोटी की व्यवस्था हो पाना भी मुश्किल हो जाता है। इन हालातों में जिला अधिकारी से ही हम सब मांग करते हैं कि हम सबके शोषण को रोककर चालक परिचालक के वेतन को नगद देने के बजाय सीधे उनके खातों में दिया जाए। स्कूलों के द्वारा अपने खर्चे में ज्यादा पगार दिखाकर कम पैसे देकर फर्जीवाड़ा कर रहे स्कूलों पर शिकंजा कसा जाए। जिससे हम गरीबों को न्याय मिल सके।
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