एसटीएफ ने जनपद वाराणसी से दबोचा,पिस्टल व कारतूस बरामद
लखनऊ। एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान यूपी कॉलेज, वाराणसी के छात्र विवेक सिंह हत्याकाण्ड में वांछित 50 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार करने का दावा किया है। पकड़े गए अभियुक्त के कब्जे से एक देसी पिस्टल-32बोर, 3 जिन्दा कारतूस-32बोर, एक खोखा कारतूस-32बोर और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है। आरोपी के विरूद्ध थाना शिवपुर में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि शनिवार को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि विवेक सिंह हत्याकाण्ड का मुख्य आरोपी एवं 50 हजार रुपए का पुरस्कार घोषित अपराधी अनुपम नागवंशी किसी से मिलने के लिये थाना शिवपुर क्षेत्रान्तर्गत सेण्ट्रल जेल रोड पर पानी टंकी के पास खड़ा है, यदि शीघ्रता की जाये तो पकड़ा जा सकता है। उक्त सूचना पर निरीक्षक शैलेष प्रताप सिंह एसटीएफ वाराणसी के नेतृत्व में टीम गठित कर मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान सेण्ट्रल जेल रोड पर पानी टंकी के पास अपनी उपस्थिति को छिपाते पहुंची तो पीले रंग की शर्ट पहने हुये एक व्यक्ति को देखकर मुखबिर द्वारा बताया कि यही अनुपम नागवंशी है। इसके उपरान्त एसटीएफ टीम ने अनुपम नागवंशी को आत्मसमर्पण के लिये कहा गया तो वह पुलिस टीम पर जान मारने की नियत से फायर करने लगा, परन्तु पुलिस टीम द्वारा अपनी कार्य कुशलता से आवश्यक बल का प्रयोग कर उक्त अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने अपना नाम व पता अनुपम नागवंशी उर्फ कुन्दन पुत्र वीरेन्द्र प्रताप सिंह, निवासी ग्राम फुल्ली, थाना सकलडीहा, चन्दौली बताया है। गिरफ्तार आरोपी अनुपम नागवंशी उर्फ कुन्दन ने बताया कि वर्ष 2015 में बी0ए0 फाइनल में मैंने यूपी कॉलेज महामंत्री पद के लिये चुनाव लड़ा और जीत गया। इसी दौरान मेरी मुलाकात विवेक सिंह से हुई जो अपना एडमिशन करवाने के लिए मेरे पास आया था। मैंने उसका एडमिशन गेम कोटा से बीकाम में करा दिया था। उसको हास्टल के डी. ब्लाक में कमरा मिल गया। जहां उसकी दोस्ती सर्वेश सिंह से हो गयी। विवेक सर्वेष सिंह आदि के साथ मिलकर अवैध असलहे व लूटपाट का कार्य करने लगा था। ये सभी लोग विवेक सिंह उर्फ कट्टा के लिए असलहे की तस्करी का कार्य करते थे। मेरा भी सम्बन्ध विवेक सिंह उर्फ कट्टा से अच्छा था।
वर्चस्व की जंग में हुई थी हत्या
पूछताछ में पकड़े गये आरोपी अनुपम ने बताया कि एक दिन सर्वेश , विवेक व कुछ बाहरी लड़के अपने ब्लाक में पार्टी किये तथा खूब शराब पीये । शराब पीकर वो लोग गाली देने लगे। इस पर मैं अपने साथियों के साथ समझाने के लिये जब वहां गया तो वहां विवेक सिंह आया और मुझे मेरे जूनियरों के सामने ही मारपीट कर भाग गया। अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए विवेक सिंह को जान से मारने का फैसला कर लिया। कुछ दिन बाद मुझे सर्वेश अपने दोस्ता े के साथ कॉलेज गेट पर दिख गया वो लोग मेरी तरफ देखकर हस रहे थे। इस दौरान मुझे लगा कि सर्वेश ने ही मुझे मरवाने की साजिश की है। गुस्से में सर्वेश को अपने पास बुलाया और पिस्टल निकाल कर फायरिंग कर दी जिससे गोली उसके हाथ लगी, दूसरी इधर उधर हो गयी तथा तीसरी उसकी कमर में लगी वो वहीं गिर गया। अनुपम ने बताया कि गोली मारने के बाद अतुल के साथ बाइक से भाग गया और 5-6 दिन बाद कचहरी में आत्मसमर्पण कर दिया। इस दौरान जेल में मेरा सम्पर्क राहुल राजपूत से हुआ जो गांजा तस्करी के केस में अन्दरआया था। जमानत से छूटने के बाद हमारे और विवेक सिंह के गुट में वर्चस्व के लिये आपसी रंजिश और प्रतिद्वंदिता काफी बढ़ गयी थी, जिससे हम लोग विवेक सिंह को जान से मारने के लिये खोजने लगे। 24 फरवरी 2019 को रात्रि समय लगभग 09.30 बजे पता चला कि विवेक सिंह यूपी कॉलेज के पीजी हॉस्टल गेट पर खड़ा है। इस सूचना पर साथियों संग पहुंचकर विवेक सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसकी हत्या कर दिया और मौके से फरार हो गये।
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