लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने एक लाख के इनामी व पुलिस अभिरक्षा से फरार कुख्यात अपराधी को नई दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफ लता हासिल की है। पकड़े गये आरोपित के कब्जे से 350 रूपये की नकदी बरामद हुई है। पकड़ा गया आरोपित पुलिस को चकमा देकर तीन बार भागने में कामयाब रहा। आरोपित को थाना वजीरगंज, लखनऊ में दाखिल कर विधिक कारज़्वाई की जा रही है।
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक लाख का इनामिया अपराधी दिल्ली में छिप कर रहा रहा है तथा सीतापुर, लखनऊ व हरदोई आदि जनपदों में अपने साथियों के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है। मंगलवार की रात आरोपित सतीश मिश्रा ग्राम भरथल स्थित अपने किराये के मकान से कहीं जाने के लिए दिल्ली रेलवे स्टेशन जायेगा। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने घेराबंदी कर भरथल तिराहे के पास आरोपित को दबोच लिया। आरोपित ने अपना नाम व पता सतीश मिश्रा उर्फ करिया पुत्र लक्ष्मी नारायन निवासी मछरेटा, जनपद-सीतापुर व हालपता ग्राम भरथल मूलचन्द प्रजापति का मकान थाना सेक्टर-23 द्वारिका नई दिल्ली बताया है। एसटीएफ ने बताया कि पूछताछ के दौरान अभियुक्त सतीश मिश्रा द्वारा वर्ष 1993 में सीतापुर के रामपाल बैरागी, वर्ष 2003 म ें रामप्यारे दीक्षित व वषज़् 2011 में सीतापुर के देवी सहाय शुक्ला की हत्या किये जाने की बात बतायी गयी। वर्ष 2009 में थाना मडिय़ांव क्षेत्र से दाल मिल व्यापारी अशोक अग्रवाल का अपहरण व इस घटना के लिए जनपद बाराबंकी से आटिज़्गा कार लूट सहित अन्य कई लूट की घटनाओं को किये जाने की बात स्वीकार की है।
नशीला पदार्थ खिलाकर पुलिस को देता था चकमा
पकड़े गये आरोपित सतीश मिश्रा ने पूछताछ पर बताया कि वह पूवज़् में तीन बार न्यायिक अभिरक्षा से भाग चुका है। वषज़् 2011 में आरक्षी गिरिजाशंकर को नशीला पदाथज़् खिलाकर लखनऊ कचहरी से भाग गया था। वषज़् 2012 में सीतापुर जेल से दो सिपाही आरक्षी उत्तम कुमार व एक अन्य आरक्षी उसे बाराबंकी न्यायालय पेशी लेकर जहां अपने साथियों की मदद से दोनों सिपाहियों को नशीला पदाथज़् खिलाकर सिधौली में ट्रेन से उतरकर भाग गया। इसके अलावा फरवरी 2014 में थाना मडिय़ांव के एक मुकदमें में पेशी के दौरान न्यायालय पारिसर के बाहर से आरक्षी मधुर तिवारी को चकमा देकर अभिरक्षा से भागने में कामयाब रहा। गौरतलब हो कि सतीश मिश्रा फरवरी 2014 में पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था, जिसपर अपर पुलिस महानिदेशक, लखनऊ जोन ने उसके उपर एक लाख का पुरस्कार घोषित किया गया था। परिवार संग दिल्ली में रहने लगा आरोपित
आरोपित सतीश मिश्रा ने बताया कि फरार होने के उपरान्त मडिय़ांव लखनऊ स्थित मकान व ग्राम
की पैतृक जमीन को बेच कर परिवार सहित नई दिल्ली चला गया और वहां पर रमेश मिश्रा के नाम का फर्जी आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेन्स बनवाया। अपनी पत्नी व बेटों के भी फजीज़् पहचान पत्र तैयार कराकर स्वयं व अपने परिवार की पहचान को छिपाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मे ं ठिकाने बदल-बदल कर रहने लगा।
No comments:
Post a Comment