बेंगलुरू। कर्नाटक में कांग्रेस के बागी विधायक रमेश जारकिहोली और उनके करीबी सहयोगी तथा विधायक महेश कुमाथल्ली के पार्टी छोड़ने की अटकलों से बुधवार को कांग्रेस के अंदर गहमागहमी का दौर शुरू हो गया।पिछले कुछ समय से जारकिहोली के भाजपा के साथ संबंध ठीक ठाक चल रहे हैं। उन्होंने धमकी दी है कि वह अन्य विधायकों के साथ जल्द सामूहिक रूप से कांग्रेस छोड़ देंगे। इसके बाद राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता सकते में आ गये हैं।
आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में कुमारस्वामी ने अपनी कैबिनेट में फेरबदल किया था और तभी से मंत्री पद गंवाने वाले विधायकों में नाराजगी बढ़ी है तो अभी तक बरकरार है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे विधायक रमेश जरकिहोली ने तब मंत्री पद छिनने के बाद इस तरह के संकेत देते हुए कहा था, ‘मैं अधिक नहीं बोलूंगा। कब, क्यों- यह सब मैं (समर्थकों के साथ) चर्चा करूंगा और तब फैसला करूंगा।’
हालांकि इससे पहले खबरें थीं कि कांग्रेस विधायकों को इस्तीफे के लिए मनाने के प्रयास में रमेश अलग-थलग पड़ गये हैं क्योंकि श्रीमंत पाटिल, महेश कुमाथल्ली और बी नागेंद्र जैसे उनके करीबी विधायकों ने कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा जताई है। लेकिन बुधवार को रमेश जारकिहोली और कुमाथल्ली की मुलाकात से अटकलों को फिर बल मिलने लगा है।
कर्नाटक में पिछले काफी समय से ऐसी खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस के कुछ विधायक अंसतुष्ट हैं। कुछ दिीन पहले ही इससे परेशान होकर कुमारस्वामी भावुक हो गए थे और एक चुनाव प्रचार के दौरान उनके आंसू निकल आए थे। उन्होंने कहा कि मेरे बारे में मीडिया में दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है कि ये मेरा आखिरी दिन है। उन्होंने कहा कि मीडिया के वर्ग में मेरे बारे में तमाम झूठी खबरें चलाईं जा रहीं हैं और भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं।
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