बाल मुकुन्द ओझा
लोकसभा चुनाव का सातवां चरण पूरा होते ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एग्जिट पोल की होड़ लग गई। अधिकतर न्यूज चैनलों ने एक बार फिर मोदी सरकार पर मुहर लगादी है। दूसरी तरफ सट्टा बाजार ने भी मोदी सरकार की भविष्यवाणी करदी है। एबीपी, आजतक, जी , न्यूज नेशन, न्यूज 24 और चाणक्य, रिपब्लिक भारत, टोटल टीवी ,टीवी 9 भारत वर्ष, सुदर्शन न्यूज, इंडिया न्यूज , टाइम्स नाउ, न्यूज 18 भारत ने अपने एग्जिट पोल में एक बार फिर भाजपा नीत एनडीए को स्पष्ट बहुमत का अपना आंकलन प्रस्तुत किया है। एनडीटीवी के पोल ऑफ पोल्स में एनडीए को 300 सीटें दी है। वहीँ यूपीए को 127 एवं निर्गुट को 115 सीटों का आंकलन प्रस्तुत किया है। न्यूज चैनलों की बात करें तो सुदर्शन न्यूज ने 306, रिपब्लिक भारत ने 305 टाइम्स नाउ ने 306 , न्यूज नेशन ने 290 , साक्षी टीवी 306, इंडिया न्यूज 298, टीवी 9 भारतवर्ष ने 287 सीटें एनडीए को मिलने का अनुमान भी लगाया है। एबीपी और आजतक ने भी एनडीए की सरकार बनने का अनुमान लगाया है।
इस भांति देखे तो 2014 के एग्जिट पोल की भांति 2019 का एग्जिट पोल भी भाजपा को ही जीता रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में एग्जिट पोल के आस-पास ही परिणाम रहे थे। 2014 लोकसभा चुनाव में प्रचण्ड बहुमत से बीजेपी सत्ता में आई थी। पिछले लोकसभा चुनाव में लगभग सभी एग्जिट पोल में बीजेपी को बहुमत के करीब दिखाया गया था। एग्जिट पोल के नतीजों से ही स्पष्ट हो गया था कि 2014 में केंद्र में सरकार बदलेगी और एनडीए की सरकार बनेगी।
आजाद भारत के इतिहास में नरेंद्र मोदी पहले प्रधान मंत्री है जिन्होंने अपनी पार्टी को सत्ता के शिखर पर पहुँचाने के लिए जी तोड़ खून पसीना बहाया। अपने 51 दिन के चुनाव प्रचार में मोदी ने देश के सभी राज्यों में 142 रैलियों को सम्बोधित कर विश्व रिकार्ड बनाने में सफलता प्राप्त की। इसके अलावा चार रोड शो भी उनके खाते में दर्ज हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान 142 रैलियां कीं, जिसमें 4 रोड शो शामिल हैं। खास बात यह है कि रैलियों में से 40 फीसदी रैलियां उन्होंने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कीं। इन तीनों राज्यों में लोकसभा की कुल 143 सीटें हैं। प्रधानमंत्री ने सबसे ज्यादा 29 रैलियां उत्तर प्रदेश में कीं। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में 17 और बीजेडी शासित ओडिशा में आठ रैलियां कीं प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मेरठ से अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की थी और मध्य प्रदेश के खरगोन में इसका समापन किया। बताया जाता है मोदी ने लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को इस दौरान सम्बोधित किया। पीएम की रैलियों में लक्खी भीड़ उमड़ी। मोदी ने एक दिन में तीन चार रैलियों को सम्बोधित किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है की विपक्ष में पूरी तरह एका नहीं होने के कारण भाजपा को बहुत फायदा मिला है विशेषकर यूपी, हरियाणा, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना,उड़ीसा आदि में। इस चुनाव में भाजपा में एकमात्र चुनावी हीरो के रूप में मोदी ने विपक्ष से लोहा लिया। मोदी मोदी के नारे भी सर्वत्र गूंजे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने चैकीदार चोर है के नारे के साथ अपनी रैलियों को सम्बोधित किया। प्रियंका गाँधी ने भी यूपी में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के अथक प्रयास किये। मगर मोदी से सर्वाधिक लोहा प. बंगाल में ममता बनर्जी ने लिया। जहाँ हर चुनाव के चरण में खून खराबा देखने को मिला।
चुनाव संपन्न होने से पहले ही भाजपा विरोधियों ने एक मंच पर आकर अपनी एकजुटता प्रदर्शित करनी शुरू करदी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और ते लगू देशम के चंद्र बाबू नायडू ने विभिन्न नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इनको इस बात का डर सत्ता रहा है की कहीं मोदी की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सरकार बनाने के लिए मोदी को आमंत्रित नहीं करले।
वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार
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