दानापुर, मनेर, फुलवारीशरीफ में 10 हजार के करीब वोटों से चल रहे थे पीछे
>> बिक्रम पर था विश्वास ,इसलिए रामकृपाल नहीं हो रहे थे मायुष
पटना ( अ सं ) । लोकतंत्र में मोदी मंत्र रहा हावी और जिन्हें इस बार सांसद नहीं पहुंचने की थी उम्मीद ,उनका भी नैया पार हो गया । बिहार में नरेन्द्र और नीतीश के चेहरे पर लोगों ने विश्वास रहा तो पाटलीपुत्र लोकसभा सम्मान की लड़ाई थी। मीसा भारती को जीताने के लिए राबड़ी देवी ,तेजस्वी यादव ,तेज प्रताप यादव ने दम-खम लगा दिया ,की तीसरे उड़ान में तीतर पकड़ लेंगे लेकिन जनता ने विश्वास नहीं जताया और फिर एक बार हार का सामना करना पड़ा । रामकृपाल यादव के जीत का श्रेय भूमिहार बहुल विधानसभा क्षेत्र बिक्रम और भाजपा में शामिल हुये डा अशोक वर्मा का जाता हैं ।हालाँकि पूर्व विधायक रामजन्म शर्मा ,अनिल कुमार ,अतुल कुमार ,तेजनारायण शर्मा ,नीरज तिवारी ,मंटू कुमार ने जीत दर्ज करने के लिए दिन रात एक कर दिया था।
दानापुर, मनेर, फुलवारीशरीफ विधानसभा में रामकृपाल यादव पिछड़े नजर आएं । कार्यकर्ताओं में मायूषी छायी थीं लेकिन रामकृपाल यादव आश्वस्त थे अभी जीत का सेहरा वाला पिटारा बिक्रम विधानसभा क्षेत्र का मतगणना बाकी हैं । बिक्रम विधानसभा की मतगणना जैसे ही शुरू हुई की 6-10 हजार से पीछे चल रहे रामकृपाल यादव कुछ ही पल में 24 हजार से बढ़त बना लिया फिर यह बढ़त रूकने का नाम नहीं लिया औरआखिरकार जीत सुनिश्चित हुई ।चुनाव आयोग द्वारा प्रमाण -पत्र दिये जाने और औपचारिक घोषणा में अभी देर है लेकिन जनता ने रामकृपाल यादव पर फिर एक बार विश्वास किया हैं और उन्हें सांसद बनाने का काम किया हैं । बिक्रम, नौबतपुर, पालीगंज में भाजपा -जदयू कार्यकर्ता एक दूसरे को बधाई दे रहे है और मिठाईयां बांट रहे हैं ।
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