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Saturday, 25 May 2019

पार्थ आई हास्पिटल दे रहा आंखों के गम्भीर मरीजों को कम पैसे मेंं बेहतर इलाज

लखनऊ। कभी संघर्षों के दिन याद करता हूं तो लगता है कि मां भक्ति और माँ दुर्गा की शक्ति ने मुझे चमत्कृत रूप से बहुत कुछ दिया है। शायद कभी लगता है कि यह सब कुछ एक स्वप्न है। लेकिन यह जरूर रहा कि संघर्ष व मेहनत से मैने कभी मुह नही मोड़ा जिसमें डॉक्टर बनने के लिए पूरी लगन से 17 से 18 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल किया । यह कहते हुऐ उत्तर प्रदेश के पार्थ आई हॉस्पिटल के निदेशक डॉ शशि शर्मा अपने पुराने दिनों कि यादों को हमारे साथ साझा किया।

उन्होंने बताया कि बचपन से ही एक सपना था कि मैं एक आई स्पेस्लिस्ट बनू और जिन क्षेत्रों में आंख के अस्पताल की सुविधा न हो वहॉ आखों की समस्याओं से जूझ रहें लोगों का बेहतर इलाज करू। जो कि आज यह मेरा ख्वाब पूरा हुआ ।

डॉ शशि शर्मा बताते हैं उनका जन्म जौनपुर के शाहगंज में हुआ था। उन्हें बचपन में क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था और खाने में आलू की टिक्की जोकि आज भी पसंद हैं। मैं एक मध्य वर्गीय परिवार का हूॅ, मेरे पिता एक स्कूल में टीचर थे। मुझे डॉक्टर बनाने केलिए मेरे पिता ने बहुत मेहनत की टीचर के साथ साथ उन्होने प्राइवेट कार्य कर हमें डॉक्टर बनाया।

डॉ शर्मा के मुताबिक आज से 35 साल पहले शाहगंज में आखों का अस्पताल न होने के कारण वहॉ के लोग बहुत दूर दूर अपनी आॅखों का इलाज कराने दूसरें स्थान जाते थें। उस दिन से मेरा एक सपना बन गया कि मैं आगे चल कर एक बेहतर आई स्पेस्लिट बनू और गरीबों का इलाज करू ।

मोहनलालगंज, बछरावॉ, निगोंहा में अस्पताल खोलने का सपना
राजधानी से करीब 10 किलो मीटर दूर रायबरेलीरोड पर स्थित पार्थ आई हास्पिटल दे रहा आख के मरीजों को बेहतर इलाज हैं। डॉ शर्मा एक लखनऊ शहर के एक जाने माने एक नेत्र सर्जन हैं और उन्हेंं रेटिना जनित रोगों में विशेषता हासिल हैं।इस मौके पर अपने उदगार में डॉ शशि ने कहा कि डायबिटिज रोग बढने के कारण लोग आॅख से सम्बधित कई रोग से ग्रसित हो जाते हैं।अगर सही समय एवं उचित इलाज के आभाव में नेत्र की रोशनी के चले जाने से अंधापन भी आ सकता हैं। डॉ शशि ने इस अस्पताल का उद्धेश्य कम खर्चपर उचित इलाज करने के साथ मानवता की सेवा करना है।

बताया कि यह हॉस्पिटल मार्च 2019 में खोला गया था। जिसमें यह अत्याधुनिक मशीनों से लैस है। जोकि हॉस्पिटल अपने बेटे पार्थ के नाम रखा गया है। जिसमें आज के समय में हमारे हॉस्पिटल की प्रतिदिन ओपीडी 50 से 55 मरीजों की होती हैं। साथ ही भविष्य में मोहनलालगंज,बछरावॉ,निगोंहा में हॉस्पिटल खोलने का सपना है।

नि’शुल्क आई कैंम्प आयोजन
पार्थ आई हॉस्पिटल के निदेशक डॉ शशि शर्मा के बताते है। कि महीने के आखरी दिन हॉस्पिटल में ही नि शुल्क आई कैंम्प का आयोजन किया जाता है। जिसमें 100 से अधिक मरीज आखों की समस्याओं को लेकर आते हैं। जिसमें कैंम्प के दौरान कुछ गम्भीर मरीजों को जल्द इलाज कराने की सलाह दी जाती है।

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