बुखार उतारने के लिए ले पेरासिटामोल — डॉ नरेंद्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में साल डेंगू के कारण चुनौतियां काफी अधिक होने की संभावना हैं । जिसमें इस वर्ष अब तक प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से 15 मई तक कुल 1577 डेंगू संभावित रोगियों की जांच की गई जिनमें से कुल 43 डेंगू धनात्मक पाए गए। जबकि पिछले वर्ष 15 मई तक कुल 99 मामले पाए गए थे । यह बात गुरूवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में एक कार्यशाला के दौरान निदेशक संचारी रोग डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी ने कही । साथ ही बतायाकि अभी तक प्रदेश में एक भी रोगी की मृत्यु डेंगू से नहीं हुई है। प्रदेश में डेंगू की जांच केलिए वर्तमान में कुल 46 सर्विलांस लैब क्रियाशील है, जबकि पिछले वर्ष 37 लैब क्रियाशील थी ।
डेंगू का कोई उपचार नहीं—डॉ अग्रवाल
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि डेंगू का कोई उपचार नहीं है, और इससे बचाव ही सर्वोत्तम उपचार है ।उन्होंने बताया कि हर बुखार डेंगू बुखार नहीं होता है। डेंगू एक वायरल बुखार है, जिसके लक्षण अक्समात तेज सिर दर्द बुखार का होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना ,आंखों के पीछे दर्द होना जो की आंखों को घुमाने से बढ़ता है। जी मिचलाना एवं उल्टी होना है। गंभीर मामलों में नाक मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
हर मच्छर डेंगू फैलाने वाला नहीं
जी हॉ हर मच्छर डेंगू फैलाने वाला नहीं होता है ।डेंगू फैलाने वाला मच्छर खड़े हुए साफ पानी में पनपता है। कहीं आपके घर में या आसपास पानी तो जमा नहीं है जैसे कि कूलर, पानी की टंकी,पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन ,फ्रिज की ट्रे, फूलदान,नारियल का खोल,टूटे हुए बर्तन व टायर इत्यादि ।
डेंगू केलिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं
नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि यह मच्छर दिन के समय काटता है ,ऐसे कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह ढके। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है ।बुखार उतारने के लिए पेरासिटामोल ले सकते हैं। एस्प्रिन का इस्तेमाल ना करें। डॉक्टर की सलाह लें। डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती। केवल प्लेटलेट्स घटने से डेंगू नहीं होता है ।
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