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Thursday, 27 June 2019

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की धुलाई का क्या कारण है, प्रियंका ले रही हैं रिपोर्ट

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार कांग्रेस में बौखलाहट साफ तौर पर दिखाई दे रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 2022 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी को पुनर्जीवित करने की योजना पर काम कर रही हैं। उम्मीद की जा रही है कि उनके प्रयासों के परिणाम बेहतर होंगे।

सभी निर्वाचन क्षेत्रों से प्रियंका ले रही हैं रिपोर्ट
पार्टी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं। विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से प्रतिक्रिया लेने के लिए एक टीम बनाई हैं। उत्तर प्रदेश में सभी जिला कांग्रेस समितियों के साथ चर्चा के बाद, प्रियंका गांधी ने अपनी टीम के सदस्यों, जिसमें सचिव शामिल हैं, प्रत्येक जिले का दौरा करने और एक या दो दिन बिताने के लिए कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए कहा है।

पिछले एक माह से राज्य के दौरे पर है टीम

प्रियंका गांधी द्वारा गठित टीम के सदस्य पिछले एक महीने से राज्य का दौरा कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि चल सके कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की धुलाई का क्या कारण है, जहां वह केवल एक लोकसभा सीट जीत सकी। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस अमेठी में हार गई, जहां पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए। जिसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता था।


कमजोर संगठन और अलोकप्रिय नेता हार के लिए जिम्मेदार

इस महीने की शुरुआत में, चार पार्टी सचिवों ने कमजोर संगठन और “अलोकप्रिय पार्टी के नेताओं” का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसके कारण उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का पतन हुआ, जहां पर कभी कांग्रेस की तूती बोलती थी। अपनी मां और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मतदाताओं को धन्यवाद देने के लिए रायबरेली की अपनी यात्रा के दौरान, कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित नहीं करने के लिए प्रियंका गांधी पार्टी कार्यकर्ताओं पर जमकर बरसी थीं।

कांग्रेस ने किया सभी जिला समितियों को भंग
इसी हफ्ते सोमवार को, कांग्रेस ने राज्य में अपनी सभी जिला समितियों को भंग कर दिया और लोकसभा चुनाव के दौरान अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ एक तीन सदस्यीय अनुशासन समिति का गठन किया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए अगस्त महीने से सप्ताह में दो बार उत्तर प्रदेश का दौरा शुरू करेंगी, जहां पर कांग्रेस पिछले तीन दशक से सत्ता से बाहर है।


कांग्रेस का आधार वोट दूसरे दलों का किया रुख 

1989 से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सत्ता से बाहर है, जिसका कारण यह है कि उसका जो वोट बैंक था वह हाथ का साथ छोड़ दिया और दूसरे दलों का रुख कर लिया। दलितों, ब्राह्मणों और मुसलमानों को कभी कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता था। जिनके बल पर वह राज करती थी, लेकिन विभिन्न क्षेत्रीय दलों के आने से दलितों, ब्राह्मणों और मुसलमानों ने अलग-अलग पार्टियों का रुख कर लिया। दलित मायावती के साथ, ब्राह्मण भाजपा के साथ और मुसलमान समाजवादी पार्टी के साथ चले गए। जिसकी वजह से कांग्रेस दिन प्रति दिन कमजोर होती चली गई।

समझौतों से हुआ कांग्रेस को भारी नुकसान
कांग्रेस को कमजोर इन्हीं दलों ने किया जिनके साथ कांग्रेस कभी समझौते करके चुनाव लड़ती है। कांग्रेस ने बसपा के साथ समझौता किया, समाजवादी पार्टी के साथ समझौता किया। लेकिन समझौते से कांग्रेस को नुकसान के अलावा कभी फायदा नहीं हुआ। समझौता करने से कांग्रेस को कम सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ता है, जहां पर उसका संगठन कमजोर हो जाता है। इससे कांग्रेस धीरे-धीरे कमजोर होती चली गई।

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