भुवनेश्वर। मिसाइल की रेंज 2000 किमी है। इसे बढ़ाकर 3 हजार किमी किया जा सकता है। अग्नि-II मिसाइल न्यूक्लियर हथियार ले जा सकने में सक्षम है। ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड से मंगलवार को अग्नि-II इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) का टेस्ट किया गया। ये टेस्ट स्ट्रैटजिक फोर्स कमांड (SFC) ने किया।
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14 साल पहले ही सेना में शामिल कर ली गई थी मिसाइल
अग्नि को 2004 में ही सेना में शामिल कर लिया गया था। ये जमीन से जमीन तक मार करने वाली मिसाइल है। अग्नि-II एक टन तक न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में कैपेबल है। 20 मीटर लंबी अग्नि मिसाइल को डीआरडीओ की एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी ने तैयार किया है। अग्नि को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत तैयार किया गया है।
क्या खास है अग्नि में?
दो स्टेज की मिसाइल सॉलिड फ्यूल से चलेगी।
लंबाई: 20 मीटर
वॉरहेड: 1000 किलो ले जाने में कैपेबल
रेंज: 2000 किमी
कौन से इक्विपमेंट लगे: सटीक निशाने पर पहुंचने के लिए हाईएक्युरेसी नेविगेशन सिस्टम।
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ऐसे किया गया टेस्ट
अग्नि-II को अब्दुल कलाम (व्हीलर) आइलैंड से दागा गया। रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक इंस्ट्रूमेंट्स से इसपर नजर रखी गई।
अग्नि-II ने बंगाल की खाड़ी में रखे गए 2 जहाजों पर निशाना लगाया।
ऐसा रहा अग्नि मिसाइल का डेवलपमेंट
अग्नि 1: 700 किमी
अग्नि 2: 2000 किमी
अग्नि 3 और 4: 3500 किमी
अग्नि 5 : 5000 किमी
अग्नि-II की प्रोटोटाइप मिसाइल पहला टेस्ट 11 अप्रैल 1999 और अंतिम 4 मई 2017 को किया गया था।
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