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Monday 19 February 2018

शाहाबाद -हब बन चुकी है कांशीराम कालोनी कच्ची शराब अब तक दर्जन भर जानें निगल चुकी

शाहाबाद।हरदोई 19 फरवरी पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के चलते कांशीराम कालोनी कच्ची शराब के कारोबार का हब बन चुकी है। लेकिन लाख प्रयासों के बाद भी प्रशासन यहांका शराब कारोबार बन्द कराने में असफल रहा है। कच्ची शराब पीने से अब तक एक दर्जन से अधिक मौते हो चुकी हैं। चार पुलिसजनों के निलम्बन के बाद पुलिस प्रशासन की भी काफी किरकिरी हो चुकी है। लेकिन शराब कारोबार बन्द
कराने में पुलिस और आबकारी विभाग असफल रहा है। एक माह पूर्व ग्राम कुइयां में कच्ची शराब पीकर तीन युवकों की तड़प तड़प कर मौत हो गई थी। इस सम्बन्ध में पूरा गांव चिल्ला चिल्ला कर जहरीली कच्ची शराब से मौत होने की बात कहता रहा लेकिन तत्कालीन कोतवाल विनोद कुमार सिंह ने किसी की नहीं सुनी । सीएचसी के एक कमरे में बैठ कर बन्द दरवाजे की आड़ में मृतक परिजनों से एक तहरीर आत्महत्या की ले ली। तत्कालीन कोतवाल ने अपनी चालाकी और पुलिसियाशैली का परिचय अपना बचाव कर लिया। अगर पुलिस इन तीन मौतों के बाद चेत गई होती और शराब कारोबारियों पर कार्रवाई हो जाती तो यह नौबत नहीं आती।शुक्रवार को खत्ता जमाल खां के बलवीर की मौत के बाद आबकारी विभाग और पुलिस की नीद टूटी और आला हुक्मरानों के आदेश के बाद कांशीराम कालोनी और कंजड वस्ती खेड़ा बीबीजई में ताबड़तोड़ छापे मारे गये। कार्रवाई की खबर की सुगबुगाहट पर ही यहां की महिला कारोबारी भाग गई। पुलिस को छापेमारी में
यहां भारी मात्रा में शराब तो नहीं मिली सकी लेकिन उसने लगभग 8 सौ लीटरलहन नष्ट किया। आधा दर्जन महिलाओं पर कच्ची शराब के कारोबार की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। रविवार को एक युवक की फिर कच्ची शराब पीने से हालत बिगड़गई। जिसे शाहाबाद सीएचसी से हरदोइ रेफर किया गया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस और आबकारी विभाग की शनिवार की कार्रवाई के बाद भी कच्ची शराब के कारोबारियों ने अपने कारोबार को विराम नहीं दिया है। उसका मुख्यकारण यह रहा है कि नवागत कोतवाल उमाशंकर उत्तम भले ही अपने कड़े तेवर अपनाइस कारोबार को बन्द कराने में सफलता प्राप्त कर लें। लेकिन उन्हें इस कारोबार को बन्द कराने में नाकों चने चबाने पड़ेगे। बताया जाता है कि यहां कच्ची शराब का कारोबार महिलाएं संभाले हैं। महिलाओं के पुलिस विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंच है। इस कारोबार की कमान संभालने वाली एक महिला बाकायदा शाहाबाद कोतवाली की कुर्सियों पर किसी भी समय विराजमान
देखी जा सकती थी। लेकिन विनोद कुमार सिंह के जाने के बाद से यह महिला एक दम गायब है। जानकारी मिली है कि महिला की अभी कोतवाली में पैठ नहीं हो पाई है। जानकार सूत्र बताते हैं कि महिला अपनी पैठ बनाने के लिये प्रयासरत है लेकिन उसे कोई अच्छा माध्यम नहीं मिल पा रहा है। इस कालोनी में निर्माण के बाद जैसे ही इन महिलाओं को एलाटमेंट किया उसके बाद से यहां कच्ची शराब के कारोबार ने अपनी जड़े जमाना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि पहले एक या दो महिलाएं ही इस कारोबार को संभाले थें लेकिन अधिक
आमदनी की चाहत तमाम महिलाएं इस गोरखधन्धे में उतर गई। आलम यह है कि शाम होते ही यहां पर पियक्कडों के जमावड़े लग जाते हैं और शराब पीने के बाद मारपीट, गाली गलौज जैसी घटनाएं तो आम बात है। संभ्रान्त लोगों का इस कालोनी में रहना दुश्वार हो गया है। यहां पुलिस की कार्रवाई के बाद एक या दो दिन के लिये काम धीमा हो जाता है लेकिन दो दिन बाद फिर बड़े पैमाने पर शुरू हो जाता है।
सौ कालोनियों पर अवैध कब्जा किये हैं महिलाएं  शाहाबाद। कच्ची शराब का कारोबार करनी वाली महिलाएं पिछले कई वर्षो से
कालोनी पर अवैध कब्जा किये हैं लेकिन लाख प्रयासों के बाद भी प्रशासन इन पर कार्रवाई नहीं कर पाया है। कांशीराम कालोनी में 6 सौ कमरों का निर्माण पूर्व विधायक आसिफ खां बब्बू के प्रयासों से बसपा सरकार में किया गया था। 5 सौ पात्र व्यक्तियों को इन आवासों का आवंटन कर दिया गया। शेष बची पड़ी कालोनियों में खेडा बीबीजई की कच्ची शराब और जिस्म से कारोबार से जुड़ी महिलाओं ने कब्जा कर लिया। इस सम्बन्ध में कई बार प्रशासनिक स्तर से कार्रवाई की गई लेकिन एक सप्ताह बाद उन पर फिर कब्जा कर लिया गया। इन अवैध कालोनियों में कच्ची शराब का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। बताया जाता है कि पानी में नेट्रावेट, मेन्डेक्स आदि नशीली गोलियों और
यूरिया, तम्बाकू का बुरादा तथा कई प्रकार के कीटनाशक और भैंस को लगाया जाने वाला आक्सीटोशन इंजेक्शन का इस्तेमाल तैयार किया जाता है। यही कारण है कि इस शराब को पीने के बाद लोगों की मौत हो रही है। पुलिस और प्रशासन अगर इन कालोनियों को अवैध कब्जों से मुक्त करा दे तो किसी हद तक कच्ची शराब के कारोबार पर विराम लगाया जा सकता है। लेकिन प्रशासन किसी न किसी
दबाव में ऐसा नहीं कर पा रहा है।

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