निजी स्कूलों को हर साल फीस बढ़ाने पर रोक-दिनेश
7-8% से ज्यादा फीस वृद्धि अब नहीं हो सकती- 12वीं तक सिर्फ 1 बार एडमिशन फीस – नियमों का उल्लंघन करेंगे पर स्कूलों पर कार्रवाई, 20 हजार से ज्यादा फीस लेने वाले स्कूल दायरे में, निजी स्कूलों में मनमानी फीस पर नियमावली, नियमावली का प्रस्ताव कैबिनेट में पास, निजी स्कूली की मनमानी पर लगेगा लगाम, शुल्क निर्धारण विधेयक का प्रस्ताव पास, यूपी स्ववित्त पोषित शुल्क निर्धारण का है विधेयक, संभावित शुल्क में वार्षिक शुल्क, रजिस्ट्रेशन शुल्क, विवरण पुस्तिका और प्रवेश शुल्क होगा, बस सुविधा, बोर्डिंग, मेस, टूर वैकल्पिक शुल्क में, वैकल्पिक शुल्क जबरन नहीं लिया जा सकता-शर्मा, स्कूल के सेशन से 60 दिन पहले वेबसाइट पर खर्चे, ‘सभी खर्चों को वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा’ , ‘त्रैमासिक, अर्धवार्षिक शुल्क ही लिया जा सकता है’, सालभर की फीस एक साथ लेने पर पाबंदी, निर्धारित दुकान से खरीदने को बाध्य नहीं- ‘जूते मोजे, यूनिफार्म खरीदने को बाध्य नहीं कर सकते’, 5 साल से पहले यूनिफॉर्म नहीं बदल सकते- मंडलायुक्त की अध्यक्षता में समिति देखेगी, पेरेंट्स की तरफ से शिकायतें मिली हैं . ‘शिकायतों को दूर करने के लिए अध्यादेश बना रहे’, निजी स्कूलों के कैम्पस में कामर्शियल एक्टिविटी, कामर्शियल एक्टिविटी की आय स्कूल की में जोड़ी जाएगी.
किसी एक दुकान से किताब और स्टेशनरी लेने की बाध्यता नहीं
ड्राफ्ट के मुताबिक स्कूल अपनी वेबसाइट, नोटिस बोर्ड और विवरणिका में प्रवेश फार्म के साथ ही मान्यता, संबंद्धता, प्रवेश नीति, फीस आदि का विवरण जारी करेगा। फीस के विवरण के साथ यह भी उल्लेख होगा कि फीस मासिक, तिमाही या छमाही होगी। कोई भी एक बार में साल भर की फीस भरने की बाध्यता नहीं रखेगा। निर्धारित फीस से अधिक फीस और कैपिटेशन फीस नहीं ली जा सकेगी। छात्र या अभिभावक को किताबें, स्टेशनरी या यूनिफॉर्म किसी दुकान विशेष से खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
तीन बार नियम तोड़े तो रद्द होगी मान्यता
स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा, पंजीकरण और परीक्षा शुल्क ले सकेंगे। इसके अलावा विवरण पुस्तिका और ऐडमिशन के लिए सिर्फ प्रवेश के समय ही फीस ली जा सकेगी। ट्रांसपॉर्टेशन फीस, भोजन और बोर्डिंग की सुविधाओं के लिए भी ऐच्छिक रूप से फीस ली जा सकेगी। कानून का उल्लंघन करने पर पहली बार एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा उल्लंघन की शिकायत मिलने पर 5 लाख रुपये की दण्ड देना होगा। तीसरी बार पकड़े जाने पर स्कूल की मान्यता रद्द करते हुए विकास फंड को सीज कर दिया जाएगा।
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