लखनऊ। भाकपा (माले) ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों की ’शहरी नक्सली’ के नाम पर दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों से हुई गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार इंदिरा गांधी के आपातकाल को दोहरा रही है।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए कहा कि ये गिरफ्तारियां राजनीतिक हैं। इससे लगता है हम सभी लोग संवैधानिक लोकतंत्र की जगह फासीवादी हुकूमत में रह रहे हैं। जिन पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, वे सभी लोकतंत्र की थाती हैं। उन्हें गिरफ्तार कर सरकार असहमति, जनतंत्र और न्याय की आवाज को सत्ता की ताकत से कुचलने की कार्रवाई कर रही है। यह मोदी सरकार की लोकसभा चुनाव पूर्व की हताशा-निराशा को दर्शाता है।
माले नेता ने कहा कि इन बुद्धिजीवियों की गिरफ़्तारी को भीमा-कोरेगांव की घटना और प्रधानमंत्री मोदी की हत्या योजना से जोड़ने का आरोप निहायत ही हास्यास्पद है। माले नेता ने कहा कि ये गिरफ्तारियां भाजपा संगठन और सरकार में शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर की गई हैं, ताकि चुनाव पूर्व बेला में मोदी सरकार की नाकामियों और देश में बढ़ रहे गुस्से से देशवासियों का ध्यान हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि लेकिन मोदी सरकार को नही भूलना चाहिए कि हिटलर के फासीवाद और इंदिरा गांधी के आपातकाल का क्या हस्र हुआ।
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Thursday, 30 August 2018
मोदी सरकार इंदिरा आपातकाल को दोहरा रही : माले
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