बीते वर्शों में हुई घटनाओं से सबक नहीं ले रहे अधिकारी
लखनऊ। राजधानी में बिजली के तारों का मकड़जाल बढ़ता ही जा रहा है। शहर के पाश इलाके हजरतगंज समेत राजाधनी के अन्य इलाके बिजली के तारों का मकड़जाल बढता ही जा रहा है। हालांकि बिजली विभाग की ओर से इन्हें हटाने के लिये कई बार अभियान चलाया गया है लेकिन खम्भों पर दीमक की तरह फैल रहे बिजली के तारों का मकड़जाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं लोगों में बिजली के तारों के मकड़जाल से किसी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है।
बताते चले कि करीब तीन साल पहले अमीनाबाद मे बिजली के तारों के मकड़जाल से हुए शार्ट सर्किट से आग की बड़ी घटना हुई थी। इस अग्निकांड में चूड़ी वाली गली में स्थित काम्लेक्स की करीब दो दर्जन दुकाने जलकर खाक हो गयी थी। वहीं हाल में ही चारबाग में होटल में लगी आग में छह लोगों की जलकर मौत हो गयी थी। इसके अलावा अलीगंज में तारों के मकड़जला में हुए शार्ट सर्किट से कपूरथला स्थित साहू एजेन्सी के गोदाम में आग लगी थी जिसमे लाखों रूपये के इलेक्टानिक्स के सामान जलकर खाक हो गये थे। ऐसा नहीं है कि प्रशासन और जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को राजधानी में अग्निकांडों की जानकारी नहीं है, लेकिन इन के सब के बावजूद अधिकारी अनजान बनकर सिस्टम को चलने देने में ही विष्वास रखते है, सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने के बजाये वे अपने हितों की बात अधिक ध्यान रखते है।
नवविकसित कालोनियां में भी तारों का जाल
राजधानी के शहरी और ग्रामीण इलाकों के सीमाई क्षेत्र में विकसित हो रही कालोनियों में विद्युतीकरण न होने से लोगों ने अस्थाई तौर पर लकड़ी के खम्भों पर तारों का ढेर कर दिया है। लकड़ी के खम्भों पर फैले बिजली के तारों का मकड़जाल से आये दिन शार्ट सर्किट होते है। जिससे आग लगने से खम्मे समेत बिजली के तार भी जल जाते है। कई बार तो राहगीर इसके शिकार हेाते बचते है। हालांकि लोगों ने विबजली विभाग को पत्र देकर कालोनियों में विद्युतीकरण करवाने की कई बार मांग की है लेकिन अभी तक कोई सुनवायी नहीं हुई है। जिससे लोगों में हादसे की आंषका बनी रहती है, वहीं बिजली विभाग के अधिकारी है अपने रवैये से बाज नहीं आते है।चिनहट इलाके के पंचवटी, हरिहर नगर, आदर्श् नगर, प्रीती विहार, समेत दर्जन भर कालोनियों में तारों की समस्या चरम पर है।
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