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Thursday, 30 August 2018

शामली: लेखपाल ने लगाई रिपोर्ट, कब्जा तो अवैध है, पर खाली नही करा सकता

हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शामली में तालाब की जमीन बन रहा पीएम आवास.
मण्डलायुक्त के आदेश के बावजूद छिपियान के तालाब पर नहीं थम रहे अवैध कब्जे.
जांच टीम की रिपोर्ट के बाद भी ढेड दर्जन अवैध कब्जेधारियों के विरूद्ध नहीं हो रही कार्रवाई.

शामली। तालाबों पर अवैध कब्जे को लेकर हाईकोर्ट द्वारा दिये सख्त आदेश शामली जिले के अधिकारियों के लिये कोई मायने नहीं रखता है। यहां नगर पंचायत और जिला प्रशासन के सत्ता के करीबी लोगों के चाटुकारी रवैये के चलते तालाबों की जमीन पर अवैध कब्जे का सिलसिला धडल्ले से जारी है। हालांकि लोगों ने इसकी षिकायत नगर पंचायत और जिला प्रषासन के अधिकारियों समेत मण्डलायुक्त से भी की है जिस पर मण्डलायुक्त स्तर से इस प्रकरण पर जांच के आदेष भी दिये गये लेकिन नगर पंचायत के अधिकारियों ने मण्डलायुक्त की जांच पर लीपापोती कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। जिम्मेदारों की कार्यषैली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दबंगों ने मिलीभगत कर तालाब के जमीन पर प्रधानमंत्री आवास भी आवांटित कराकर उसका निर्माण कार्य भी षुरू करा दिया, इसकी सूचना तत्काल नगर पंचायत के अधिकारियेां और अध्यक्ष को दिया गया लेकिन जिम्मेदार जान कर भी अनजान बने हुए है जिससे जिम्मेदारों के कार्य शैली पर उंगलियां उठने लगी है।
मामला शामली के थाना थवन नगर पंचायत के नौगवां पटटी के छिपियान मोहल्ले में स्थित तालाब की भूमि का है, जिसका खसरा नम्बर 483-484 है। इस विशालकाय तालाब की भूमि पर आये-दिन हो रहे अवैध कब्जे से इसका अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। अभी तक इस तालाब पर करीब डेढ दर्जन से अधिक लोगों ने अवैध कब्जे का वर्चस्व बना रखा है। हालांकि तालाबों पर हो रहे अवैध कब्जे को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त आदेश दे रखा है और तालाबों पर हुए निर्माण को तत्काल हटवाने के निर्देष भी है लेकिन हाईकोर्ट के सख्त आदेषों के बावजूद अवैध कब्जे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। छिपियान में स्थित इस तालाब के अस्तित्व को बचाने के लिये मार्च 2018 में जनसुनवाई पोर्टल पर इसकी शिकायत की गयी थी। शिकायत के बाद नगर पंचायत और जिला प्रशासन की राजस्व टीम मौके पर पहुंचकर इसकी जांच भी की जो सही पायी गयी। जांच टीम ने तालाब पर हुए अवैध कब्जे की जांच रिपोर्ट में यहा अवैध कब्जााधारियों अजब सिंह, धर्मपाल , गोरधन, महावीर, तारा, सुखवीर, राजू , राजपाल, अर्जुन, सुरेन्द्र, नाथीराम, विजय पाल, रामपाल, मनरेष, राजकुमारी कुल पन्द्रह अवैध कब्जेधारियों की सूची तैयार कर एसडीएम और नगर पंचायत शामली को सौप दी, लेकिन इस मामले में कार्रवाई होने के बजाये इस तालाब की भूमि पर स्थानीय सभासद और एक ठेकेदार की मिली भगत प्रधानमंत्री आवास भी आवांटित करा दिया गया जिसका निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। जुलाई 2018 में तालाब की जमीन पर अवैध तरीके से षुरू हुए प्रधानमंत्री आवास के निर्माण कार्य की षिकायत मण्डलायुक्त सहारनपुर से की गयी जिस पर जांच के आदेष भी दिये गये, लेकिन नगर पंचायत के अधिकारियों ने मण्डलायुक्त के इस जांच पर भी लीपापोती कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया और तालाब के जमीन पर प्रधानमंत्री आवास का अवैध निर्माण कार्य धडल्ले के साथ जारी है। यहीं नहीं जांच टीम की रिपोर्ट के बावजूद नगर पंचायत के अधिकारी और अध्यक्ष भी इस मामले में कार्रवाई करने के बजाये चुप्पी साधे हुए है।

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